
Jamshedpur : इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे? सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड में पदस्थापित शिक्षिका राधी पूर्ति को जिला प्रशासन की ओर से आयोजित एक समारोह में अनुसुचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुआवजा स्वरुप 25 हजार का चेक प्रदान किया गया. बावजूद इसके शिक्षिका की प्रताड़ना के इस मामले के आरोपी अधिकारी पर चार महीने बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है. जानने वाली बात यह है कि जिस मंच से राधी पूर्ति को चेक प्रदान किया गया उस पर बीते दिनों ही राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री से सम्मानित छुटनी महतो के अलावा जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत बड़े पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.
प्राथमिक शिक्षक संघ ने उठाये कई सवाल
इस पूरे मामले में अखिल झारखंड प्राथमिकी शिक्षक संघ ने कई सवाल उठाए हैं. संघ के नेता सुनील ठाकुर ने कहा कि राधी पूर्ति ने जिस विभागीय प्रताड़ना और खुद पर हुए अत्याचार के खिलाफ मुखर आवाज उठाते हुए मजबूती से अपनी लड़ाई जारी रखी है. जिला प्रशासन ने उनके संघर्ष को मान्यता देते हुए उन्हें मुआवजा दिया है. बावाजूद इसके मामले में आरोपी पर अब तक कार्रवाई नहीं होना कहां तक न्यायोचित है.


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