
Ranchi: खूंटी जिला छोड़कर भारतनेट के दूसरे चरण के अधिकांश जिलों के ग्राम पंचायतों में इंटरनेट ठीक से काम नहीं कर रहा है. अक्सर नेट फेल होने की वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. कॉमन सर्विस सेँटर भी इस वजह से ठीक से काम नहीं कर रहा है. सरकारी सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऑनलाइन भुगतान भी अटक रहा है. मनरेगा मजदूरों का भी पेमेंट भी अटक रहा है. यह स्थिति लगभग राज्य के ग्राम पंचायत में है. पंचायती राज विभाग व झारखंड कम्युनिकेशन नेटवर्क लिमिटेड, जेसीएनएल की सिस्को वेबेक्स के जरिये संयुक्त जांच में यह बात पकड़ में आयी है.
संयुक्त जांच समिति ने सात फरवरी से आठ फरवरी के बीच राज्य के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्शन को चेक किया था, जिसमें एक खूंटी जिला ही ऐसा था जहां की ग्राम पंचायतों में इंटरनेट की व्यवस्था पूरी तरह से सुचारू ढंग से चल रही थी. इनमें खूंटी, अड़की, कर्रा, तोरपा ब्लॉक के 12 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट क्रियाशील था. जबकि जांच में यह पाया गया कि दुमका, गढ़वा, गोड्डा, गुमला, जामताड़ा, खूंटी, पाकुड़, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां एवं पश्चिम सिंहभूम जिला में इंटरनेट की सुविधा क्रियाशील नहीं रही. इन जिलों केअधिकांश ग्राम पंचायतों में इंटरनेट काम नहीं कर रहा है. हालांकि पूरे राज्यभर में सिर्फ 724 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट काम कर रहा है, पर वहां भी बिजली की समस्या आ रही है.
भारतनेट फेज-2 के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में क्रियाशील इंटरनेट एवं उसकी उपयोगिता के लिए टीम ने जांच की थी, जिसका प्रतिवेदन पंचायती राज विभाग को सौंपा गया है. पंचायती राज विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है और सभी जिलों को पत्र लिखकर ग्राम पंचायतों में हर हाल में इंटरनेट कनेक्शन स्थापित करने का निर्देश दिया है. राज्य की ग्राम पंचायतों में भारतनेट के संचालन के लिए प्रखंड कॉडिनेटर को रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद इसकी प्रगति ठीक नहीं है. ऐसे में विभाग नये सिरे से एसओपी लाने की तैयारी कर रहा है. बता दे की ग्राम पंचायतों में 2 चरणों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. बीबीएनल और दूसरे चरण में जेसीएनएल ग्राम पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराया है.


क्या है राज्य में स्थिति




राज्य में 4350 ग्राम पंचायत हैं. 3283 ग्राम पंचायतों का अपना भवन है. 2589 ग्राम पंचायतों में कंप्यूटर लगे हुए हैं. 724 ग्राम पंचायत ही ऐसे हैं जहां भारतनेट कुछ हद तक काम कर रहा है. 2576 ग्राम पंचायत में बिजली की सुविधा है. 1159 ग्राम पंचायतों में सोलर बिजली है. 1859 ग्राम पंचायत में कॉमन सर्विस सेंटर काम कर रहे हैं. 589 ग्राम पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव कक्ष में भारत नेट का केबल कनेक्शन है. ग्राम पंचायतों से सिर्फ दो स्कूलों में ही नेट कनेक्शन दिया जा रहा है. 13 ऐसे भी पंचायत भवन है जहां कभी बिजली नहीं रही.
100 एमबीपीएस की ब्रांडबैंक कनेक्टिविटी प्रदान करना है
भारतनेट राष्ट्रीय महत्वकांक्षी परियोजना अंतर्गत ग्राम पंचायतों के साथ-साथ अन्य सरकारी संस्थानों को 100 एमबीपीएस की ब्रांडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जानी है. पूरे प्रोजेक्ट को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड द्वारा राशि दी जा रही है. जिससे देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं में सुधार के लिए स्थापित किया गया है. इसका उदेश्य ग्रामीण भारत में ई-गर्वनेंस, ई-हेल्थ, ई-एजुकेशन, ई-बैंकिंग, इंटरनेट और अन्य सेवाओं के वितरण की सुविधा प्रदान करना है.