
Ranchi: महिला हमेशा से ही हिंसा की बलि चढ़ती रही है. महिला हिंसा के प्रति लड़कियों, युवतियों और महिलाओं को जगाने तथा महिलाओं में जागरूकता और महिलाओं से संबंधित अधिकार की बात करने वाली संस्था ब्रेक थ्रू ने अपने स्टडी रिपोर्ट में बताया है कि आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं घर से बाहर तक हिंसा का शिकार हो रही हैं. वो घरों में ही नहीं पब्लिक प्लेसेज पर भी ज्यादती का सामना कर रही हैं.
ब्रेक थ्रू की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों, पब्लिक प्लेस पर 78.4% महिलाओं ने किसी न किसी रूप में हिंसा झेली है. वहीं 38.5% महिलाएं ऐसी जगहों पर अपने आपको अकेला पाकर ऐसी हिंसा को चुपचाप सह गईं.
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संस्था का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को अस्वीकार्य बनाने के लिए सबको खुलकर आगे आने चाहिए. इस संस्था का मानना है कि आज के दिनों में भी महिलाओं की प्रति लोगों में पुराने ख्याल ही बसते हैं और महिलाओं को घर के लिए ही तथा परिवार संभालने योग्य मानते हैं.
इस संस्था का मानना है कि इस बदलते दौर में पुरुषों को भी अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए और महिलाओं और युवतियों को हर क्षेत्र तथा हर संभव की सहायता करनी चाहिए जिससे महिलाएं एवं युवतियां खुलकर किसी भी काम को कर सके. इस स्टडी में कुल 721 महिलाओं का ऑनलाइन सर्वे किया गया है. इनमें 91 महिलाओं ने सारे सवालों के जवाब दिए. इस सर्वे में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और तेलंगाना की महिलाएं शामिल हुई.
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इस सर्वे में महिलाओं ने बताई कि महिला आज के दिनों में भी खुलकर नहीं जी पा रही है और हर समय महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस सर्वे में महिला ने महिला हिंसा को मौखिक, शारीरिक, मानसिक, यौन शोषण से जुड़ा हुआ बताया है. इस तरह की हिंसा के लिए पुरुषवादी मानसिकता को जिम्मेदार ठहराया गया है.
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