
Sanjay Prasad, Jamshedpur : झारखंड के जमशेदपुर के बिष्टुपुर के सीएच एरिया में स्थित लॉ ग्रेविटी देश का पहला ऐसा कैफे है, जो पूरी तरह से मूक – बधिरों द्वारा संचालित है. इस कैफे के अस्तित्व में आने की कहानी भी काफी निराली है. कैफे के संचालक अविनाश दुग्गर कहते हैं-कारपोरेट जगत में नौकरी करता था. 2013-14 में स्टील बाजार में बंदी थी. इसके चलते आदित्यपुर स्थित कई कंपनियां बंद हो गई. मैं कोहिनूर नामक एक कंपनी में काम करता था. एक तो मंदी और दूसरे कुछ नये करने के जज्बे ने नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया.
समझ में नहीं आ रहा था क्या करना चाहिए. लेकिन कुछ करने का जज्बा था. चाय के बारे में काफी जाना और बनाना सीखा. जेआरडी के सामने एक ठेले पर चाय बेचने लगा. मेरे पास चाय की काफी वेरायटी थी. जो एक बार पीता था, वह बार-बार पीना चाहता था. लोगों का रिस्पांस जबर्दस्त रहा. टाटा स्टील के कार्निवाल, जैम स्ट्रीट से लेकर टीएमएच में अपने चाय के स्टॉल लगाए, जिसका काफी बेहतर रिस्पांस रहा. इस बेहतर रिस्पांस को देखते हुए सीएच एरिया में 2016 में कैफे खुला.
पूरा कैफे मूक बधिरों द्वारा संचालित
इस कैफे की विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से मूक- बधिरों द्वारा संचालित है. बकौल अविनाश दुग्गर, इसका मकसद इन विशेष बच्चों को मंच देना और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है. जब मैं जेआरडी के सामने अपना ठेला लगता था, तो एक मूक – बधिर लड़की आई. वहीं पर मुझे ऐसे बच्चों को मंच देने का विचार आया, जो आज पूरी तरह से आगे बढ़ रहा है.


डेढ़ सौ से ज्यादा चाय की किस्में
अविनाश दुग्गर ने बताया कि उनके पास डेढ सौ से ज्यादा चाय की किस्में हैं. इसमें से 26 तरह की चाय केवल दूध की हैं. भारत के अलावा दुनिया भर की चाय कैफे में मिलती है.


जो चाय पीते हैं, वे क्रिएटिव होते हैं
दुग्गर ने बताया कि उनका मानना है कि जो चाय पीते हैं, वे क्रिएटिव होते हैं. मैंने खुद इसे अनुभव किया है. चाय लोगों में प्रेम बढ़ाता है. इसलिए मैं इस विशेष दिवस पर यह कहूंगा कि वे अल्कोहल छोड़ें और चाय का सेवन शुरू करें. हम भारत के अलावा जल्द ही कम्बोडिया में अपना एक कैफे शुरू करने वाले हैं.
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2019 में इस दिवस की घोषणा की
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस प्रतिवर्ष 21 मई को मनाया जाता है. यह संकल्प 21 दिसंबर 2019 को अपनाया गया था और संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) से इस दिवस के पालन का नेतृत्व करने का आह्वान किया गया था. अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में चाय के लंबे इतिहास और गहरे सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. भारत, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, केन्या, मलावी, मलेशिया, युगांडा और तंजानिया जैसे चाय उत्पादक देशों में 15 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता रहा है.
ये भी पढ़ें- बारिश से चिलचिलाती गर्मी से राहत, आंधी से गिरे कई पेड़, कई घरों की उड़ गयीं छतें