
Ranchi: झारखंड डाक परिमंडल के निदेशक ने मनरेगा अंतर्गत मजदूरों को किए मैनुअल भुगतान की जानकारी सभी वरीय डाक अधीक्षक, डाक अधीक्षक से मांगी है. डाक निदेशक ने इसके साथ यह भी कहा है कि सभी डाक मंडल मनरेगा पोर्टल पर सटीक एवं पूरी सूचना उपलब्ध करायें. उन्होंन कहा है कि पहले भी इस संबंध में निर्देश दिया गया था, लेकिन कई मामलों में यह देखा जा रहा है कि कई प्रयासों के बाद भी यह कार्य पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में भारत सरकार व झारखंड सरकार ने इसे अति गंभीरता से लिया है.
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डाक निदेशक ने सभी डाक मंडल से कहा है कि वे मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान के लंबित व रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन की सटीक जानकारी उपलब्ध करायें. रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन के बारे में एफटीओ के फंड की प्राप्ति से लेकर अग्रतर कार्रवाई के सारे रिकॉर्ड रखे जायें और इसकी जानकारी भी संबंधित अधिकारी या विभाग को दी जाये. मनरेगा पोर्टल में भी इसे अपडेट किया जाये. बता दें कि,मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने भी पोस्ट ऑफिस से वैसे रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी है और यह भी बताने को कहा है कि खाता में राशि के हस्तांतरण रिजेक्ट होने के बाद कितनों को मैनुअल भुगतान हुआ है.


बता दें कि,मनरेगा में चार लाख अधिक मामले ऐसे आये हैं जिसमें यह बात सामने आ रही है कि काम करने के बाद भी मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ. बैंक व पोस्ट ऑफिस के खातों में केवाइसी नहीं होने के कारण राशि हस्तांतरण रिजेक्ट हो रहा है. इसी क्रम में यह बात सामने आयी कि पोस्ट ऑफिस ने ऐसी स्थिति में मजदूरों को हाथों-हाथ मजदूरी दी. अब विभाग को लग रहा है कि इसकी जानकारी नहीं हुई तो दोबारा ऐसे मजदूरों को ऑनलाइन राशि भेजी जा सकती है. इसलिए रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन और मैनुअल भुगतान की जानकारी मांगी जा रही है.


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