
Patamda: राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनते ही वर्षों से बंद पड़े पटमदा के माचा स्थित सीएचसी अस्पताल को स्थानीय विधायक मंगल कालिंदी ने पहल करते हुए इसलिए चालू कराया था, ताकि यहां की गरीब जनता को बेहतर सरकारी सुविधाएं उपलब्ध हो सके. लेकिन वर्षों से एक ही स्थान पटमदा सीएचसी के प्रसव गृह में तैनात एएनएम लगातार इस सोच के विपरीत कार्य कर रही है. इससे राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रति लोगों का विश्वास कम होने लगा है. कभी रुपये नहीं देने पर गर्भवती महिलाओं के परिजनों को एमजीएम अस्पताल रेफर करने की धमकी दी जाती है तो कभी रुपये नहीं देने पर मारपीट जैसे अमानवीय व्यवहार किया जाता है.
समय-समय पर विधायक मंगल कालिंदी एवं उनके प्रतिनिधि द्वारा जिले के सिविल सर्जन और सीएचसी प्रभारी से उस एएनएम को हटाने की मांग की जाती रही है, लेकिन उनके प्रति सहानुभूति और हमदर्दी की वजह से बार-बार बच जाती है. इसके पीछे की वजह न तो नेताओं को समझ में आती है और न ही स्थानीय आम जनता को. ताजा मामला है पटमदा के गेंगाड़ा निवासी एक गर्भवती महिला दीपाली सहिस का प्रसव कराने का. उनके पति भंबल सहिस ने रोते हुए बताया कि दीपाली को पिछले शुक्रवार को प्रसव के लिए माचा अस्पताल ले आए थे. जब उनकी पत्नी प्रसव पीड़ा से छटपटाने लगी तो बेड पर लगी मच्छरदानी के डंडे से उससे बेरहमी से मारपीट की गई और नॉर्मल डिलीवरी के बाद पूरा काम किए बिना छोड़ दिया गया. इसके बाद जब उसका रक्तस्राव होने लगा और बंद नहीं होने से स्थिति बिगड़ने लगी तो लाचारी में परिजनों ने जमशेदपुर के मर्सी अस्पताल में उसे लेजाकर भर्ती कराया जहां उसकी चिकित्सा जारी है और अब तक उसे दो बोतल खून भी चढ़ाया जा चुका है.
जानकारी पर पहुंचे विधायक प्रतिनिधि
इसकी सूचना मिलने पर बुधवार को मर्सी अस्पताल पहुंचे जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी के विधायक प्रतिनिधि सुभाष कर्मकार ने मामले में पीड़ित महिला से विस्तृत जानकारी ली और इसकी शिकायत जिले के सिविल सर्जन डॉ एके लाल से करते हुए 24 घंटे के अंदर प्रसव गृह में तैनात दोषी एएनएम को हटाने का अल्टीमेटम दिया. साथ ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ समीर कुमार से भी दूरभाष पर बात करते हुए उनसे जानकारी ली. विधायक प्रतिनिधि ने बताया कि उन्होंने उक्त महिला से जब घटना की जानकारी ली तो रोंगटे खड़े हो गए कि आखिर इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है एएनएम. उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है अगर उन लोगों को नहीं हटाया जाता है तो झामुमो की ओर से इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की जायेगी. इससे पूर्व एचएमएस की बैठक में भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को बीडीओ की ओर से निर्देश दिया गया था कि प्रसव गृह में तैनात एएनएम को अविलंब हटाया जाये, लेकिन उसके बावजूद हटाया नहीं गया. उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने एवं दोषी एएनएम को 24 घंटे के अंदर पटमदा से दूसरी जगह पर स्थानांतरित करने का आश्वासन दिया.


परिजन करेंगे थाने में शिकायत




इस संबंध में गेंगाड़ा निवासी मरीज की मदद में पहुंचे पड़ोसी निर्मल महतो ने बताया कि गरीब लोग सरकारी अस्पताल में इसलिए जाते हैं कि बिना खर्च किए ही उसका इलाज होगा, लेकिन उनके मरीज के साथ जो अमानवीय व्यवहार किया गया है उसे बर्दाश्त करना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को इस मामले में दोषी एएनएम के खिलाफ एसटी-एससी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु पटमदा थाना में परिजनों की ओर से आवेदन दिया जायेगा. पीड़ित महिला ने बताया कि उसे डंडे से बायीं हाथ और अन्य जगहों पर पीटाई गया. इसके कारण वह अपने बेटे को दूध नहीं पिला पा रही है.