
Jamshedpur : कोरोनाकाल में जिस तरह से महंगाई पढ़ी है उससे इसका प्रभाव आम जन जीवन पर खासा पड़ा है. काम-काजी महिलाएं भी कम परेशान नहीं है. दुकान पर सामानों की खरीदारी करते समय वह भन्ना जाती हैं. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी महंगाई को लेकर परेशान है.
क्या कहती है महिलाएं
डीपीएस की नीतू शर्मा का कहना है कि सब्जियों के दाम दो गुने से भी ज्यादा हो गए हैं. जिस तरह से सामानों के दाम बढ़ रहे हैं, उसके हिसाब से बचन करना मुश्किल हो गया है.


डीपीसी की ही रूपा गुप्ता का कहना है कि घरेलू सामानों का मूल्य बढ़ा दिए जाने से जहां लोग एक किलो सामान खरीद रहे थे. वहीं अब एक पाव भी खरीदने के लिए सोचना पड़ रहा है. आखिर महंगाई कब कम होगी.




डीपीएस के रेल कर्मचारी सुभाष मजुमदार का कहना है कि कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में उतनी बढोतरी नहीं की गई है. पेट्रोल, डीजल हो या खाने की चीज सभी की कीमत आसमान छू रही है. सभी लोगों को अपना घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है.
संगीता माधुरी का कहना है कि महंगाई की मार हमारे रसोई पर भी पड़ी है. सरसो और रिफाइन तेल का दाम 200 रूपये/किलो हैं. प्याज और टमाटर 70 से 80 पर पहुंच गया है. गैस भी कम टेंशन नहीं दे रही है. थाली की रौनक घटने लगी है. ही चली गई है।
प्रभा देवी का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार का महंगाई पर कोई नियंत्रण ही नहीं रह गया है. इसका खामियाजा मिडिल क्लास फैमली वालो को भुगतना पड़ रहा है. सरकार को महंगाई पर एक सकारात्मक और ठोस कदम उठाना चाहिए.
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