
New Delhi: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में भारत ने दो टूक कहा है कि आतंकवाद किसी भी रूप में और इसका दोहरा चरित्र बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. UNSC में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवादी गतिविधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों विषय पर बोलते हुए कहा, कुछ देश आतंकवाद के खिलाफ चल रही साझा लड़ाई को कमजोर करना या तोड़ना चाहते हैं. उन्हें ऐसा करने से रोकना होगा. ताजा उदाहरण की बात करें तो ऐसी कई खबरें सामने आई हैं, जिसमें पता चला कि तालिबान को पाकिस्तान से सपोर्ट मिलता रहा है. जयशंकर ने कहा कि कुछ देशों में यूएन घोषित आतंकी और आतंकी संगठन खुलेआम काम करते हैं और समर्थन पाते हैं.
इसे भी पढ़ें : National Corona Update: केरल की स्थिति में सुधार नहीं, देश में 36,592 नये संक्रमित मिले
UNSC में विदेश मंत्री ने कहा, हमारे पड़ोस में आईएसआईएल खुरासन (ISIL Khurasan) और एक्टिव हो गया है. ये लगातार अपने पैर फैलाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में घटित घटनाओं ने स्वाभाविक रूप से वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है. भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और नुकसान से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है. इसमें उदाहरण गिनाते हुए वह बोले, ‘2008 का मुम्बई हमला हमारी यादों में जिंदा है. 2016 का पठानकोट एयर बेस हमला, फिर पुलवामा में आत्मघाती हमला ये सब ताजा उदाहरण हैं. दुनिया को इस बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए.’


आगे पाकिस्तान का नाम लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी संगठन जैसे लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद लगातार काम कर रहे हैं. उनको वहां भरपूर प्रोत्साहन मिल रहा है. भारत यूएन सुरक्षा परिषद से कहना चाहता है कि आतंकवाद को लेकर चयनात्मक रवैया नहीं होना चाहिए. विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ऐसी दोहरी बातें करने वालों के खिलाफ बोलने का साहस दिखाना होगा जो ऐसे लोगों को सुविधाएं देते हैं जिनके हाथ मासूमों के खून से रंगे होते हैं.




भारत का रुख स्पष्ट करते हुए जयशंकर ने कहा, भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए, इसे किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा, कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करते हैं, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.