
NewDelhi : ईरान से भारत में सबसे ज्यादा कच्चा तेल आयात करने वाली कंपनी इंडियन ऑयल का कहना है कि उसके पास बैक के लिए प्लान रेडी है. कंपनी का कहना है कि यदि ईरान से पूरी तरह तेल का आयात रुक भी जाता है तब भी कंपनी को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. कंपनी के प्रमुख संजीव सिंह ने इस संबंध में एक इंटरव्यू में सऊदी अरब का उल्लेख करते हुए कहा कि वह दुनिया में ईरान पर रोक से होने वाली कमी पूरा करने की क्षमता रखता है. बता दें कि ईरान और अमेरिका में बढ़ते तनाव का असर कई देशों पर पड़ने के आसार है. ईरान दुनिया में बड़ा तेल निर्यातक देश है. ऐसे में अमेरिकी प्रतिबंधों का असर भारत पर भी पड़ेगा. अमेरिका ने भारत समेत कई देशों से कहा है कि वे ईरान से तेल आयात बंद करें. हालांकि भारत ने अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है और ईरान से तेल आयात जारी है.
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ईरान से सप्लाई रुक भी जाती है तब भी भारतीय बाजार में तेल की कमी नहीं होगी

संजीव सिंह ने कहा कि कच्चे तेल का बाजार काफी बड़ा है और ऐसा कुछ भी नहीं है जो हम नहीं खरीद सकते. यह तय है कि अगर ईरान से पूरी तरह से सप्लाई रुक भी जाती है तब भी भारतीय बाजार में तेल की कमी नहीं होगी. बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद कई एशियाई देशों ने अपने लिए अन्य तेल निर्यातक देशों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. अमेरिका ने ईरान पर परमाणु कार्यक्रम रोकने का दबाव बनाने के लिए देशों से कहा है कि वे ईरान से तेल का कारोबार नवंबर तक रोक दें. इसके लिए अमेरिका ने चार नवंबर तक की तारीख निश्चित की है. अमेरिका ने यह भी कहा है कि इस तारीख में कोई ढील नहीं दी जायेगी. कंपनी के वित्त निदेशक एके शर्मा ने मई में ब्लूमबर्ग को बताया था कि पिछले साल की तुलना में इस वित्त वर्ष में तीन मिलियन टन अधिक तेल का आयात किया गया.


भारत ने ईरान से तेल आयात में 35 फीसदी का इजाफा भी किया
पिछले वित्त वर्ष में जहां चार मिलिटन का आयात किया गया था वहीं इस बार मार्च तक सात मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया गया. पिछले महीने के तुलना में भारत ने ईरान से तेल आयात में 35 फीसदी का इजाफा भी किया है. बता दें कि आईओसी के प्रमुख संजीव सिंह ने कहा है कि इस बारे में अपनी योजना का ज्यादा खुलासा नहीं कर सकते, लेकिन हमारे पास प्लान बी, प्लान सी और प्लान डी तक तैयार है. बता दें कि भारत सरकार ने अभी तक अमेरिकी फैसले पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है बल्कि यह प्रयास किया है कि उसे इन प्रतिबंधों से छूट मिल जाये.
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