
Dharmendra Pathak
Chatra : एक लंबे अर्से की चुप्पी के बाद चतरा में एक बार फिर से भाकपा माओवादी नक्सलियों की धमक बढ़ गयी है. नक्सलियों की यह चहलकदमी मुख्य रूप से चतरा-पलामू के बॉर्डर पर देखने को मिल रही है.
नक्सलियों की संख्या 100 से अधिक बतायी जा रही है. ये सभी अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं. इनकी टीम में दो दर्जन से अधिक महिला नक्सली भी शामिल हैं. नक्सलियों का काफिला टीएसपीसी की राजधानी माने जानेवाले लावालौंग प्रखंड के सौरू नावाडीह गांव तक पहुंचकर लौट जा रहा है. इस क्षेत्र में एक बार नहीं कई बार नक्सलियों का दस्ता देखा जा चुका है.
नक्सलियों की चहलकदमी से क्षेत्र के लोग खौफजदा
नक्सली क्या योजना बना रहे हैं या किस घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं ये तो किसी को पता नहीं चल पा रहा है. लेकिन इनकी चहलकदमी बढ़ने से क्षेत्र के लोग ख़ौफ़ज़दा हैं. आशंका व्यक्त की जा रही है कि माओवादी क्षेत्र में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं.
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नक्सलियों के आने की पुष्टि लावालौंग थाना प्रभारी परमानंद मेहरा ने भी है. उन्होंने कहा कि सौरू नावाडीह गांव में बड़ी संख्या में माओवादियों के आने की सूचना प्राप्त हुई है. ज्ञात हो कि नक्सलियों के टारगेट पर पुलिस के साथ-साथ फिलहाल कमजोर पड़ गयी टीएसपीसी के नक्सली व उसके मददगार हो सकते हैं.
मालूम हो कि टीएसपीसी संगठन के सक्रिय होने के बाद माओवादी संगठन धीरे-धीरे क्षेत्र में कमजोर पड़ गया और कोल परियोजना से लेकर बीड़ी पत्ता और ठेकेदारों द्वारा मिलनेवाली लेवी पर टीएसपीसी ने कब्जा कर लिया. जिससे आर्थिक रूप से माओवादी नक्सलियों की कमर टूट गयी. परन्तु अब जब टीएसपीसी नक्सली खुद कमजोर पड़ गये हैं तो माओवादी संगठन ने फिर से क्षेत्र में पांव पसारना शुरू कर दिया है.
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