
Ranchi : 15वें वित्त का पैसा पंचायतों के पास जुलाई 2020 से पहुंचना जारी है. अब तक दो किस्त में 1000 करोड़ से अधिक पैसे उन्हें आवंटित किये जा चुके हैं. पंचायती राज विभाग के पास भी केंद्र से दूसरी किस्त के लगभग 1600 करोड़ रुपये आ चुके हैं. पर इन सबके बीच चिंता यह भी बढ़ी है कि इन पैसों का उपयोग किसके भरोसे होगा. 14वें वित्त की तुलना में पंचायतों के पास पहले से ज्यादा पैसा आ रहा है. पर इस हिसाब से कर्मियों की सुविधा नहीं है. बल्कि 14वें वित्त में जितने कर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर, इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे, उसमें भी 50 फीसदी तक कटौती किये जाने की तैयारी है.
अब 6 पंचायतों पर एक कंप्यूटर ऑपरेटर
15वें वित्त के लिये कर्मियों को नये सिरे से रखे जाने का प्रयास है. 14वें वित्त के कर्मियों का कार्यकाल दिसंबर 2020 तक पूरा हो गया था. कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर सह लेखा सहायक और इंजीनियरों को 14वें वित्त के पैसे से काम लिया जा रहा था. अब राज्य में 15वें वित्त की योजनाओं पर काम के लिये कर्मियों की जरूरत है. ग्रामीण विकास विभाग तैयारी में है कि 5 से 6 पंचायतों पर एक ऑपरेटर रखा जाये. सीएम हेमंत सोरेन ने इस पर अपना अनुमोदन दे दिया है. 14वें वित्त में हर तीन पंचायत पर एक ऑपरेटर सेवा दे रहे थे. राज्य भर में इसके लिये 1467 पद स्वीकृत थे. पर इसके विरूद्ध 1200 ही कार्यरत थे. अब 3 की बजाये 6 पंचायत पर एक ऑपरेटर रखे जाने से यह आंकड़ा 600 तक हो जायेगा. यानी कुल 800 ऑपरेटर के पद खाली अब खाली हो जायेंगे.
प्रखंड कार्यालय से ली जा रही थी ऑपरेटरों की सेवा
पंचायत प्रतिनिधियों के मुताबिक वर्तमान में 15वें वित्त का पैसा पंचायतों में आ चुका है. कंप्यूटर ऑपरेटर औऱ इंजीनियरों की सेवा नहीं मिलने से दिक्कत हो रही है. जल्द से जल्द इनकी सेवा मिले. वैसे प्रतिनिधियों की यह भी शिकायत रही है कि भले ही पूर्व में कंप्यूटर ऑपरेटरों को पंचायतों की सेवा के लिये रखा गया था पर सभी ऑपरेटरों से सेवा प्रखंड कार्यालय से ली जाती थी.
उनका भुगतान जिला पंचायती राज पदाधिकारी के माध्यम से होता था. इसके अलावा जेई का भुगतान बीडीओ के स्तर से किया जाता था.. अब अगर पंचायत के स्तर से इनका अनुमोदन होता है तो सप्ताह में कम से कम एक दिन ऑपरेटर एक-एक पंचायत भवन में सेवा दे सकेगा.
क्या कहता है मुखिया संघ
राज्य मुखिया संघ के अध्यक्ष विकास महतो के अनुसार राज्य सरकार ने 15वें वित्त के कर्मियों की नियुक्ति के संबंध में दो भी फैसला लिया हो, उसे धरातल पर उतारा जाये. स्टाफ की कमी से गांव के विकास कार्यक्रमों पर असर पड़ रहा है. ऐसे में जल्द से जल्द कर्मियों के मामले में प्रक्रिया को पूरा किया जाना चाहिये.