नगर विकास विभाग की बैठक में मंत्री ने कहा, शहर को एजेंसियों ने नर्क बना दिया है
रांची शहर को कई विभागों की एजेंसियों ने मिलकर नर्क बना दिया है.
Ranchi: रांची शहर को कई विभागों की एजेंसियों ने मिलकर नर्क बना दिया है. एजेंसियों ने शहर में जगह-जगह गड्ढे बना दिये हैं. यह बात झारखंड के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने शुक्रवार को नगर विकास एवं आवास विभाग की बैठक में कही. उन्होंने कहा कि शहर की नर्क जैसी स्थिति बनने से लोग परेशान हैं. इसलिए जरूरी है कि सभी विभागों के बीच एक समन्वय स्थापित हो और विकास कार्यों को आगे बढाया जाये.
इसे भी पढ़ेंःमीडिया पर संपूर्ण नियंत्रण का इरादा अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा
मंत्री ने जुडको के काम की सराहना की
मंत्री सीपी सिंह ने जुडको की तारीफ करते हुए कहा कि जुडको का यह कदम सराहनीय है. पर जरूरी है कि योजनाओं को एक साथ जमीन पर उतारा जाये. किसी भी शहर में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत हो. उन्होंने कहा कि जुडको द्वारा किये जा रहे कार्यों का और बेहतर परिणाम मिले, इसके लिए अच्छे विशेषज्ञों की बहाली भी हो. उन्होंने कहा कि जनता के लिए बनने वाली इन महत्वाकांक्षी योजनाओं को समय पर पूरा किया जाये और बेहतर तरीके से पूरा किया जायें.
इसे भी पढ़ेंः 55.51 करोड़ खर्च करने के बाद भी कई पंचायत भवनों का निर्माण नहीं, तो कुछ पड़े हैं अधूरे
नागरिक सुविधाएं एक बार में एक साथ बहाल हों
नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि जनता को कम से कम समस्याओं का सामना करना पड़े, इसीलिए हम समेकित विकास की ओर आगे बढ़ रहे हैं. शहरों में जनता को मिलने वाली नागरिक सुविधाएं सड़कों के किनारे ही चलती हैं. जैसे इलेक्ट्रिक व टेलीफोन वायर, सीवरेज- ड्रेनेज सिस्टम, पैदल पथ, जल आपूर्ति की पाइप लाइन, साइकिल ट्रैक, रोड लाइट इत्यादि. इसलिए इस योजना में यह कोशिश होगी कि इन सभी जरूरी वस्तुओं के लिए एक साथ आधारभूत संरचना विकसित की जाये. ताकि बार-बार लोगों को परेशान ना होना पड़े. इस तरह की नीति पर अब तक बेंगलुरु और पुणे में काम हो रहा है.
इसे भी पढ़ेंःखूंटी में नक्सलियों ने ड्राइवर समेत ट्रेलर को लगायी आग, राज्यभर में बंद का मिला-जुला असर
जरूरी वस्तुओं के लिए आधारभूत संरचना का डीपीआर एक साथ बने
सचिव ने कहा कि हमारी जल्द कोशिश होगी कि झारखंड में राज्य स्तर पर एक ऐसी नीति बनायी जाये कि इन सभी मूलभूत जरूरी वस्तुओं के लिए आधारभूत संरचना का डीपीआर एक साथ बने और एक साथ काम हो. एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत शहरों इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, तो आम लोगों के साथ-साथ विभाग को भी सहूलियत होगी. सचिव ने यह भी कहा कि शहरी नागरिकों को मिलने वाली नागरिक सुविधाओं के लिए हमारे विभाग को विभिन्न प्रकार की योजनाओं को धरातल पर लाना पड़ता है. लेकिन हमारे पास मैन पावर की भी कमी है.
शहरी आधारभूत संरचना के विकास के लिए बनने वाले स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल की प्रमुख बिंदु
- शहरों में क्षेत्र आधारित विकास की योजना बनेगी.
- सड़क, ड्रेनेज, सीवरेज, जलापूर्ति पाइप लाइन, रोड लाइट, पैदल पथ साइकिल ट्रैक इत्यादि की योजना का डीपीआर एक साथ तैयार होगा.
- सड़क, ड्रेनेज, सीवरेज, पैदल पथ, साइकिल ट्रैक की योजनाएं साथ-साथ चलेंगी और इन को क्रियान्वित करने के लिए एक ही कंसल्टेंट एक ही कंपनी काम करेगी.
- सड़कों के किनारे यूटिलिटी डक का निर्माण होगा.
5. यूटिलिटी डक से होकर बिजली और टेलीफोन के तार, जल आपूर्ति की पाइप लाइन जायेंगे
6. इन योजनाओं को 30-40 वर्षों की जरूरतों के हिसाब से बनाया जाएगा.
न्यूज विंग एंड्रॉएड ऐप डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पेज लाइक कर फॉलो भी कर सकते हैं.
Comments are closed.