
Ranchi : हाइकोर्ट में जलाशय मामले में सुनवाई के दौरान सरकार पक्ष ने अपनी गलती मानी. कोर्ट के समक्ष सरकार पक्ष ने समय की मांग करते हुए कहा कि एफिडेविट समेत कोर्ट को सभी जानकारी देने में देर हुई है. ऐसे में अंतिम मौका दिया जाये. जिसमें अतिक्रमण चिन्हित क्षेत्र की पूरी जानकारी कोर्ट को दी जायेगी. हालांकि कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि ऐसा बार-बार हो रहा है. फिर भी समय देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 11 मार्च तय की गयी. जिसमें रांची के जलाशयों के साथ ही देवघर के जलाशयों के किनारे अतिक्रमित क्षेत्र की जानकारी दी जायेगी.
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में हुई. वहीं, मामले में अधिवक्ता खुशबू कटारूका, पीयुश कृष्णा चौधरी समेत अन्य ने दलील पेश की.
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दो सप्ताह का दिया था समय




पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम और राज्य सरकार को मामले में दो सप्ताह का समय दिया था. जिसमें रिपोर्ट की मांग की गयी थी. तब सुनवाई के दौरान नेशनल जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक भी विडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए जुड़े थे. हालांकि देवघर जिला की ओर से मामले में इंटरवीन पिटिशन दाखिल किया गया था. जिससे कोर्ट ने देवघर जिला को भी मामले में शामिल किया.
रिपोर्ट की हो रही मांग
बता दें पिछले कुछ सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट नगर निगम और नगर विकास विभाग से लगातार काम की विस्तृत रिपोर्ट की मांग कर रहा है. जलाश्य और डैम से अतिक्रमण हटाने के मामले में कितना कार्य हुआ इसकी रिपोर्ट कोर्ट ने मांगी है. मामला राजधानी के जलाश्यों से संबधित है. जहां जलाशयों में जलस्तर का कम होना और आसपास के इलाकों में अतिक्रमण की बात की गयी है.
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