
Ranchi : राजधानी रांची में मेयर आशा लकड़ा व नगर आयुक्त मुकेश कुमार के बीच कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. मेयर आशा लकड़ा ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को यह जानकारी दी है. मेयर ने कहा है कि नगर आयुक्त नगर निगम को हाइजेक करने की कोशिश कर रहे हैं. मेयर की अनुमति के बगैर निर्णय ले लेते हैं. साफ कहा कि निगम परिषद की बैठक में भी नगर आयुक्त ने बिना मेयर की अनुमति लिए राजस्व से संबंधित विषयों को शामिल कर लिया.
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मेयर ने स्पष्ट कहा कि नगर आयुक्त नियमों की अनदेखी कर काम करते हैं. निगम परिषद की बैठक में अनुमति लिए बगैर राजस्व से संबंधित विषयों को शामिल करना यही दिखाता है. उन्होंने बताया कि 2017 में भी इसी प्रकार तत्कालीन नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने परिषद की बैठक में कार्यावली को शामिल किया था. तब सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ए. मरीरपुथम से कानूनी मंतव्य प्राप्त कर तत्कालीन नगर आयुक्त को भेजा था. उसके बाद उन्होंने कानून का न सिर्फ सम्मान किया, बल्कि स्थायी समिति व निगम परिषद की बैठक में शामिल किये गये मुद्दों पर मेयर से अंतिम निर्णय लेने के बाद ही उसे परिषद की बैठक में सदस्यों के समक्ष रखा.




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मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त को कानून के प्रावधानों को ध्यान में रख पत्राचार कर जानकारी मांग रही हूं पर नगर आयुक्त मुकेश कुमार के आचरण से यही लगता है कि वे नगर आयुक्त के पद पर रहकर मेरे पत्र का जवाब राजनीतिक व्यक्ति के तरह दे रहे हैं.
निगम परिषद की बैठक में जिन पांच एजेंडों को शामिल किया गया है, उसे परिषद की बैठक में शामिल करने की अनुमति मैंने नहीं दी है. इस मामले पर नगर आयुक्त को शो-कॉज कर मेयर ने 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है. उन्होंने सवाल किया है कि नगर आयुक्त यह स्पष्ट करें कि उनकी मंशा क्या है? परिषद की बैठक में उन्होंने मेयर की अनुमति के बिना संबंधित एजेंडों को क्यों शामिल किया? राजस्व से संबंधित एजेंडों की विस्तृत जानकारी मांगे जाने पर वे संबंधित बिंदुओं को स्पष्ट क्यों नहीं करना चाहते. जब वे मेयर को कोई जानकारी नहीं देंगे तो परिषद की बैठक में पार्षदों को क्या बताएंगे? मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त का यह जवाब कि संबंधित कार्यावली को रोके जाने से पार्षद महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित रह जाएंगे.
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उन्होंने यहां तक कहा कि नगर आयुक्त के इस आचरण से रांची नगर निगम में किसी बड़े घोटाले की बू आ रही है. रांची नगर निगम में जब-जब कानून को ताक पर रखकर अधिकारियों ने अपना हित साधने की कोशिश की है, मैंने हमेशा उन विषयों पर आवाज उठाया है. मेयर ने जोर देते हुए कहा कि यह उनका कर्तव्य है कि निगम से संबंधित कार्यों व शहरी क्षेत्र के लिए तैयार की गयी योजनाओं में पारदर्शिता बरती जाए. आम जनता के पैसों का दुरुपयोग न हो.