
Koderma. जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय परिसर में बुधवार को व्यसायी संघ के बैनर तले धरना दिया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में पत्थर खदान और क्रशर से जुड़े व्यसायी और मजदूर शामिल हुए. इस दौरान बतौर मुख्य वक्ता जिला परिषद अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने कहा कि सरकार को पत्थर व्यवसाय में आ रही जटिलताओं को कम करना चाहिए. ताकि जिले का यह व्यवसाय जिंदा रह सके.
वक्ताओं ने कहा कि सन 2014 तक जिले में तकरीबन 400 क्रशर का भंडारण का लाइसेंस प्राप्त था.

जबकि प्रदूषण के नियमों में बदलाव के कारण क्रेशर के लाइसेंस के लिए ढाई सौ मीटर की अनिवार्यता मुख्य मार्ग से कर दी गयी. साथ ही जहां पर पूर्व में हम लोग जमीन नोटराइज्ड कागजात के आधार पर कार्यालय से मिल जाया करता था, बाद में सिर्फ रजिस्टर्ड कागजात की मांग की गयी. जिससे भी अधिकांश का लाइसेंस लंबित हो गये.

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बैठक की अध्यक्षता पत्थर उद्योग संघ के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद मेहता ने की. मौके पर भीम साहू, रूपक सिंह, भरत नारायण मेहता, सुरेंद्र मेहता, शिवकुमार बरनवाल, महावीर यादव, किशोर गुप्ता, सुरेश रवानी, प्रवीण रवानी, मुन्ना राणा, विजय सिंह, युगल मेहता, मिस्टर यादव, त्रिलोकी सुंडी, राजेंद्र मेहता, अशोक साहू, उमाशंकर प्रसाद, प्रेम कुमार शर्मा आदि उपस्थित हुए. धरना का संचालन पंकज कुमार सिंह ने किया. धरना के बाद अध्यक्ष जिला परिषद शालिनी गुप्ता के नेतृत्व में क्रशर व्यवसायियों का शिष्टमंडल उपायुक्त से मिला. उपायुक्त रमेश घोलप के साथ वार्ता में कई बिंदुओं पर चर्चा हुई और उपायुक्त ने अपने स्तर से पहल करने का आश्वासन भी दिया.