
Jamshedpur : साकची स्थित स्वर्णरेखा नदी घाट पर भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ मां काली की प्रतिमाओं का धूमधाम से विसर्जन किया. इस दौरान भक्तों ने जोर-जोर से जयकारे लगाये. इस अवसर दर्जनों की संख्या में युवा, बुजुर्ग, महिला, बच्चे सभी उत्साहपूर्वक विसर्जन में भाग लिया.
जेएनएसी नहीं दे रही नदी में विसर्जन की अनुमति
जेएनएसी द्वारा इस बार पूजा के बाद विसर्जन के लिए प्रतिमाओं को पारंपरिक रूप से नदी में विसर्जन करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. नदी के पानी प्रदूषित न हो, इसके लिए जेएनएसी ने विशेष पहल की है. नदी में श्रद्धालुओं से माइक से अनाउंसमेंट कर नदी में प्रतिमा व पूजन सामग्री नहीं प्रवाहित करने की अपील की जा रही है. हालांकि इसपर किसी श्रद्धालु ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई. दर्जनों प्रतिमाओं को केवल नदी घाट पर विसर्जन का सारा विधि-विधान कर नदी के भीतर पानी में एक बार प्रतिमाओं को पारंपरिक तरीके से मिट्टी से छुआ पुनः उसे निकाल लिया जा रहा है. उसके बाद जेएनएसी के माध्यम पहले से खोदे गये गड्ढे में प्रतिमाओं को डालकर डंप करने की तैयारी की गयी है.


पूजन सामग्री को किया जायेगा रिसाइकिल




प्रतिमाओं पर चढ़ाये गये फूल, प्लास्टिक के सजावट की सामग्री, सिंथेटिक कपड़े, सजावट सामग्री, थर्मोकोल के बने बर्तन को अलग से इकट्ठा किया जा रहा है.नदी में प्रवाहित नहीं करने दिया जा रहा है. इसे अलग से रिसाइक्लिंग किया जायेगा. फूलों को रिसाईकल कर खाद बनाया जाएगा. वहीं प्लास्टिक को दूर जहां आबादी नहीं है, वहां डंप किया जा रहा है. जेएनएसी के सिटी मैनेजर अनय राज ने बताया कि छठ पूजा में महज अब बहुत कम दिन ही बचे है. ऐसे में साफ-सफाई समय रहते करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि केमिकल व पूजन सामग्री बहुत नुकसान करेगी .उन्होंने कहा कि सभी प्रतिमाओं को नियमतः विधि विधान कराकर उसे अलग से एक गड्ढे में डालकर ढक दिया जायेगा, ताकि प्रतिमा पुनः मिट्टी में मिल जाये. वहीं प्लास्टिक को अलग से एक जगह पर डंप किया जायेगा,ताकि नदी घाट पर गंदगी न फैले. उन्होंने कहा कि नदी घाट पर प्लास्टिक नहीं इस्तेमाल के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
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