
Ranchi: डीजीपी अक्सर राज्य में महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील होने की बात कहते हैं. इसे लेकर उन्होंने कई बार वरीय अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिये गये हैं. लेकिन राजधानी के थाना प्रभारी इन आदेशों के पालन करने में गंभीर नजर नहीं आते हैं. कुछ ऐसा ही हाल है महिला थाना की थानेदार श्रीति कुमारी का भी. पीड़ित और परेशान लोगों द्वारा महिला थाने के सरकारी नंबर पर फोन किये जाने पर महिला थानेदार श्रीति कुमारी कभी रिस्पांस ही नहीं करती हैं. महिला थानेदार का यह लापरवाह रवैया राजधानी के पीड़ित महिलाओं और युवतियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. हाल के दिनों में महिलाओं और युवतियों के साथ बढ़ते अपराध के बाद भी पुलिस अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं. पुलिस इन दिनों घटना होने के बाद सिर्फ आरोपियों को पकड़कर जेल भेज देने तक ही अपनी जिम्मेवारी समझ रही है.
शक्ति कमांडो भी सड़क से हुई गायब
राजधानी की सड़कों से शक्ति कमांडो की पुलिस भी गायब हो गयी है. कई संवेदनशील जगहों पर भी शक्ति कमांडो में तैनात महिला पुलिसकर्मी दिखाई नहीं देती है. ऐसे में मनचलों और नशेड़ियों से खुद को बचाने के लिए महिलाएं व युवतियां अपना रास्ते बदल रही है.
पिछले 6 माह में बढ़ी रेप की घटनाएं
महिलाओं व युवतियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस की जागरूकता उंचे अधिकारियों तक ही सीमित है. भीड़भाड़ वाले इलाकों में छेड़खानी जैसी घटना को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गये हैं. ना तो महिला पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है. अपराधियों के मन से पुलिस का खौफ बिल्कुल ही खत्म हो गया है. यही वजह है कि पिछले 6 माह में रेप जैसे संगीन मामलों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.
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