
Ranchi : लातेहार में सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का बुरा हाल है. बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं जिन्हें सरकार की किसी भी योजना जैसे मनरेगा, वृद्धा पेंशन, आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. सरकारी उपेक्षा का दंश झेलने वालों में एक नाम कुंती नागेशिया का भी है.
कुंती नागेशिया लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड के अंबा कोना गांव की रहने वाली है. लगभग 6 वर्ष पहले उसके पति की मृत्यु हो गयी. पति की मृत्यु के बाद कुंती की मानसिक और शारीरिक दशा खराब हो गयी है. 2019 के अप्रैल महीने में कुंती को टीबी हो गया.
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इटकी में आठ महीने तक चला इलाज
सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रयास से उसे थोड़ी सरकारी सहायता मिली. और रांची के इटकी स्थित टीबी अस्पताल में 8 महीने तक उसका इलाज चला. इस दौरान उसका घर खंडहर बन गया है. कुंती की दो बेटियां हैं. एक बेटी को दिल्ली में घरेलू काम के लिए सालों पहले कोई व्यक्ति ले गया था. उसका अभी तक कोई पता नहीं है. दूसरी बेटी महुआडांड़ में ही अपनी मां के साथ रह रही है.
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जेम्स हेरेंज मिले कुंती से
कुंती अब दूसरे के घर में रह रही है. सामाजिक कार्यकर्ता जेम्स हेरेंज कहते हैं, कुंती नागेशिया का जीवन दूसरे की दया पर आश्रित है. महुआडांड़ सहित पूरे क्षेत्र में ऐसे सैकड़ों मामले हैं जहां लोग बस किसी तरह जीवन जी रहे हैं. उनके लिए दीवाली या किसी भी दूसरे पर्व का कोई मतलब नहीं.जेम्स हेरेंज पीड़िता से मिलकर उसकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
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