
Ranchi : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में ‘‘हूल क्रांति दिवस’’ के अवसर पर संथाल हूल के अमर नायक सिदो-कान्हू के चित्र पर माल्यापर्ण कर कांग्रेस भवन, रांची में श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि झारखंड के महान सपूत सिदो-कान्हू एवं चांद-भैरव ने 150 वर्ष पूर्व अंग्रेजों के शोषण एवं अत्याचार के खिलाफ स्वाभिमान एवं आत्मसम्मान के लिए संघर्ष का बिगूल फूंका था. यह आन्दोलन 1857 के स्वतंत्रता आन्दोलन की पृष्टभूमि थी.
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यह सबसे अधिक संगठित और सशक्त आन्दोलन था जो संथाली अपनी माटी की खातिर कुर्बान होने को तैयार हो गये. एक छोटे से गांव से शुरू हुए हूल से पूरे संथाल में ऊर्जा का संचार हुआ, जो हूल दिवस के नाम से जाना जाता है.


इस अवसर पर संजय लाल पासवान, प्रवक्ता राकेश सिन्हा, कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलखो, जगदीश साहु, एस तारिक अनवर, राजकुमार यादव, जितेन्द्र त्रिवेदी, दिनेश लाल सिन्हा, दामोदर राम बाल्मिकी सहित अन्य कांग्रेसियों ने अमर नायक सिदो-कान्हू को श्रद्धांजलि अर्पित किया.




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