
Ranchi : जब क्राइम का ग्राफ बढ़ने लगता है तो ऐसे में पुलिस को लोग सवालों के घेरे में खड़े करने लगते हैं. लेकिन हर बार किसी भी क्राइम के लिए पुलिस को दोषी ठहराना वाजिब नहीं है. क्योंकि खस्ताहाल कानून व्यवस्था, वीवीआईपी सुरक्षा, यातायात संचालन, तफ्तीश में देरी से लेकर, आतंकवाद और नक्सलवाद की नाकामी तक का बोझ ढोने वाली पुलिस खुद कितनी मजबूत है. ये रिपोर्ट इसकी पोल खोलती है.
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झारखंड पुलिस में संख्याबल की हात करें तो विभाग पुलिस की भारी कमी से जूझ रहा है. तो ऐसे में झारखंड में क्राइम कंट्रोल होगा आखिर कैसे होगा. देखा जाये तो वर्तमान में झारखंड में 61,019 पुलिसकर्मी हैं. लेकिन इनमें से लॉ एंड ऑर्डर संभालने में सिर्फ 34,019 पुलिसकर्मी ही लगे हुए हैं.
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जानिए क्या है आंकड़ा
जानकारी के मुताबिक, झारखंड में पुलिस की कुल 79,950 स्वीकृत संख्या में रिक्तियां 18,931 हैं यानी झारखंड में वर्तमान में 61,019 पुलिसकर्मी हैं. इसमें से करीब 17000 जैप बटालियन में तैनात हैं, वहीं 15000 के करीब आईआरबी और एसआईएसएफ में तैनात हैं. इसके अलावा झारखंड जगुआर में करीब 4000 पुलिसकर्मी तैनात हैं. सभी को मिलाकर कुल 36000 पुलिसकर्मी इन सभी बटालियन में तैनात हैं.
वहीं 36000 पुलिसकर्मियों में से लगभग 25% पुलिसकर्मी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के अलग-अलग थानों में तैनात हैं. इससे साफतौर पर जाहिर होता है कि झारखंड के 24 जिलों में कानून-व्यवस्था संभालने में करीब 34,019 पुलिसकर्मी लगाये गये हैं.
पुलिसकर्मियों की कमी से जूझ रहा है झारखंड
झारखंड राज्य के गठन हुए 18 साल हो गये हैं. इसके बावजूद झारखंड पुलिस बल की कमी से जूझ रहा है. गौरतलब है कि जिस वक्त बिहार से अलग होकर झारखंड एक नया राज्य बना था, उस वक्त झारखंड पुलिस बल की संख्या 28 हजार के करीब थी.
जबकि झारखंड के पुलिस बल के लिए स्वीकृत पदों की संख्या 79,950 है. कुल स्वीकृत संख्या में रिक्तियां 18,931 हैं. पुलिस बल की कमी की वजह से जहां पुलिस कर्मियों को 10 से 12 घंटे की ड्यूटी करनी होती है. वहीं पुलिसकर्मियों की कमी दूर करने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है.
आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में 956 लोगों की सुरक्षा में एक पुलिसकर्मी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि झारखंड में पुलिसकर्मियों की कितनी कमी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास के द्वारा झारखंड में 10000 सिपाही और प्रत्येक साल 2500 सहायक पुलिस की भर्ती करने की घोषणा अबतक पूरी नहीं हो पायी.
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90 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की करनी होगी बहाली
पुलिस मेंस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राकेश पांडे ने इस बारे में बताया कि झारखंड में पुलिस कर्मियों की भारी कमी है. जिसका असर पुलिस कर्मियों के कामकाज पर दिख रहा है. वर्तमान में पुलिसकर्मी 10 से 12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं.
राज्य में पुलिसकर्मी की कमी दूर करने के लिए सरकार को 90 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की बहाली करनी होगी, इसके बाद राज्य में पुलिस की कमी दूर हो पायेगी इस और सरकार को ध्यान देना होगा.
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