
Ranchi : देश में कोरोना की दूसरी लहर के खतरे के बीच कोविड वैक्सीनेशन की मुहिम भी जारी है. देशभर में इसके लिए व्यापक पैमाने पर कार्यक्रम चल रहे हैं.
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अब मसला देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले रोहिंग्याई मुसलमानों को वैक्सीन दिये जाने या नहीं दिये जाने का भी सामने आया है.
सांसद महेश पोद्दार ने चिंता जताते हुए पूछा है कि आखिर रोहिंग्या घुसपैठियों को टीका कैसे लगेगा. उनके पास कोई वैध दस्तावेज़ तो है नहीं. ऐसे में इसका निदान क्या होगा, इसे देखना होगा.
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गृह मंत्रालय से जतायी चिंता
महेश पोद्दार के मुताबिक रोहिंग्याई के मामले में गृह मंत्रालय को गंभीरता दिखानी होगी. गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के साथ अपनी बातों को साझा करते हुए लिखा है कि रोहिंग्या को यूं ही छोड़ दिये जाने से उनके सुपर स्प्रेडर बन कर घूमते रहने का खतरा बना रहेगा.
आम धारणा यही है कि अगर इन्हें आईडेन्टीफाई करके बॉर्डर के पार नहीं भेजा जा सकता तो कम से कम इन्हें पूरे देश में फैलने से रोका जाना चाहिए.
जिस तरह के आंकड़े आ रहे हैं औऱ जैसी सूचनाएं आ रही हैं, उससे लगता है कि अगर हम शुतुरमुर्ग बने बैठे रहे तो हमारी भावी पीढ़ी पर बहुत बड़ा दुष्प्रभाव पड़नेवाला है. इसके साथ ही हर भारतीय प्रभावित होगा. यहां तक कि भारतीय मुसलमान भी.
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नेपाली नागरिकों को मिले वैक्सीन
सांसद के मुताबिक नेपाली नागरिकों की भारत में एंट्री फ्री है. सुरक्षा के लिहाज़ से उनका टीकाकरण जरूरी है. उनके नेपाली पहचान पत्र के आधार पर ही एक अलग केटेगरी क्रियेट करनी चाहिए. इस आधार पर उन्हें टीका दिलवा देना चाहिए. उन्हें इग्नोर करना महंगा पड़ सकता है.
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क्या आया रोहिंग्या पर जवाब
रोहिंग्या के वैक्सीनेशन के मसले पर किये गये ट्वीट पर सांसद को एक नागरिक ने जवाब देते हुए कहा कि रोहिंग्या के लिए भ्रम में न रहें. अब तक तो राशनकार्ड से लेकर वोटरकार्ड अप्लाई करने तक का सारा काम हो चुका होगा सबों का. अधिकांश का तो अब बन भी गया होगा.