
NewDelhi : देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस आज रविवार सुबह दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना हो गयी. बता दें कि अगले दो सप्ताह के लिए पहले ही वंदे भारत की टिकटें बुक हो चुकी हैं. बता दें कि इससे एक दिन पहले वाराणसी से दिल्ली वापसी यात्रा पर इस ट्रेन में परेशानी आयी थी. इस क्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, वंदे भारत एक्सप्रेस अपने पहले व्यावसायिक फेरे पर. आज यह ट्रेन आपकी हो गयी. रेलवे ने शनिवार रात जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, वाराणसी से लौटते समय यह ट्रेन टूंडला स्टेशन पार करने के बाद लगभग 18 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के चम्रौला स्टेशन पर रुकी. ट्रेन के बाहरी हिस्से पर शायद कुछ लग जाने के कारण अंतिम चार बोगियों और शेष ट्रेन के बीच संपर्क की परेशानी थी. इसके बाद ब्रेक लगाये गये. ट्रेन की जांच की गयी और फिर वह दिल्ली रवाना हुई. ट्रेन 18 को हाल ही में नया नाम वंदे भारत एक्सप्रेस दिया गया है. बता दें कि ट्रेन अपनी पहली वापसी यात्रा पर शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे वाराणसी जंक्शन से दिल्ली रवाना हुई थी.
वाराणसी पहुंचने के लगभग 45 मिनट बाद ही ट्रेन दिल्ली रवाना हो गयी
अपनी पहली यात्रा पर वाराणसी पहुंचने के लगभग 45 मिनट बाद ही ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो गयी. पहली बार ट्रेन में तड़के साढ़े छह बजे उत्तर प्रदेश में टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर दूर दिक्कत आयी. उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, यह मवेशी सामने आने का मामला है जिसकी वजह से पहिए फिसलने की दिक्कत आयी. सूत्रों के अनुसार, ट्रेन एक घंटे से अधिक समय तक टूंडला के समीप फंसी रही. ट्रेन में कई पत्रकार सवार थे. उन्होंने बताया कि ट्रेन के रुकने से पहले उसकी आखिरी की बोगियों ने तेज आवाज करनी शुरू कर दी. ट्रेन में एक सूत्र ने बताया, आखिरी की चार बोगियों में थोड़ी बदबू आ रही थी. थोड़ा धुआं भी उठते देखा गया. लोको पायलटों ने कुछ समय के लिए ट्रेन की गति कम कर दी. मैंने अधिकारियों को ब्रेक में खामी के बारे में बात करते हुए सुना.


राहुल गांधी ने तंज कसा, पीयूष गोयल ने करारा जवाब दिया




ट्रेन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कल रात ट्वीट किया, मोदी जी, मुझे लगता है कि मेक इन इंडिया पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की जरूरत है. ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह विफल हो गयी. मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कांग्रेस बहुत गंभीरता से इस पर विचार कर रही है कि कैसे यह होगा. इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, यह शर्मनाक है कि आपने भारतीय इंजीनियरों, तकनीकविदों और श्रमिकों की कड़ी मेहनत और प्रतिभा पर हमला किया. इस तरह की मानसिकता को बदलने की जरुरत है. मेक इन इंडिया सफल है और करोड़ों भारतीयों की जिंदगी का हिस्सा है. आपके परिवार के पास सोचने के लिए छह दशक थे, क्या वे पर्याप्त नहीं थे?
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