
Ranchi : छठी जेपीएससी परीक्षा पर झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एचसी मिश्र और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान याचिका को खारिज करते हुए मेंस परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा के सफल सिर्फ 6103 परीक्षार्थियों के ही रिजल्ट जारी करने के आदेश दिया है.
गौरतलब है कि जेपीएससी के मेंस परीक्षा के परिणाम पर रोक को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. प्रारंभिक परीक्षा में तीन बार संशोधनों के बाद करीब 34 हजार अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे. इस फैसले से झारखंड के हजारों परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है.
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विज्ञापन की शर्तों में किए गए बदलाव को खारिज कर दिया




हाईकोर्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी मामले में सरकार के विज्ञापन की शर्तों में किए गए बदलाव को खारिज कर दिया है. अदालत ने निर्देश दिया है कि प्रथम प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर ही मुख्य परीक्षा का रिजल्ट प्रकशित किया जाए.
पहली बार छठी जेपीएससी का परिणाम वर्ष 2017 में आया था. तब करीब 5000 अभ्यर्थी पीटी में सफल घोषित किए गए थे. जिसे बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर सुधार किया गया था.
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हाई कोर्ट ने फैसले को रखा था सुरक्षित
गौरतलब है कि इससे पहले हाईकोर्ट ने पिछले महीने 17 सितंबर को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एचसी मिश्र और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने सोमवार को यह फैसला सुनाया.
इस संबंध में पंकज कुमार पांडेय ने अपील याचिका दायर कर कहा था कि जेपीएससी ने परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों और शर्त में बदलाव किए हैं. सरकार के आदेश और नियमों का हवाला देते हुए न्यूनतम अंक की अर्हता में बदलाव किया गया.
अंक बदलने के कारण परीक्षा के परिणाम भी बदले और संशोधित परिणाम जारी किया गया. याचिका में कहा गया कि परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों और शर्त में बदलाव नहीं किया जा सकता. इसको लेकर सरकार का कहना था कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस तरह की अधिसूचना जारी की थी और इस तरह के मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है.
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