
- गिरिडीह में ‘लैब ऑन बाइक प्रोजेक्ट’ के माध्यम से प्रयोग कर विज्ञान के पहलुओं को समझ रहे सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राएं
- प्रयोग के सारे समान बाइक पर लादकर प्रोजेक्ट प्रभारी पहुंचते हैं स्कूल
- गिरिडीह सदर प्रखंड के आठ स्कूलों में संचालित है राज्य सरकार की यह योजना
Manoj Kumar Pintu
Giridih: गिरिडीह के सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राएं भी अब विज्ञान को प्रयोग कर समझ रहे हैं. विज्ञान को इन बच्चों के इतने करीब लाने का काम किया है ‘लैब ऑन बाइक’ प्रोजेक्ट ने. इसे आप चलंत प्रयोगशाला भी कह सकते हैं.
एक बाइक पर लैब के सारे समान रखकर लैब ऑन बाइक छात्रों तक पहुंचता है. फिर छात्र-छात्राएं प्रयोग कर केमिकल इजाद करने से लेकर पशु-पक्षियों की जीवनशैली तक को बेहतरीन ढंग से समझते हैं.
मुंह से बैलून में हवा कैसे भरता है, लाइट कटने के बाद इमरजेंसी लाइट किस प्रकार जलती है, ठंड में पक्षी खुद को कैसे अनुकूल कर लेते हैं? ऐसे असंख्य सवालों को जवाब अब बच्चे लैब ऑन बाइक की मदद से समझ रहे हैं.
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गिरिडीह के सदर प्रखंड के करीब आठ स्कूलों में तीन सालों से यह प्रोजेक्ट संचालित है. हालांकि इस साल कोरोना लॉकडाउन के कारण स्कूल करीब आठ माह से बंद हैं. फिर भी जब बच्चे समूह बनाकर प्रयोग के लिए लैब की मांग करते हैं तो एक स्थान निर्धारित कर उन तक लैब ऑन बाइक पहुंच जाता है.
प्रोजेक्ट प्रभारी गुलाम सरवर की मानें तो जिस विज्ञान से सरकारी स्कूल के बच्चे पहले दूर भागते थे वहीं अब कई प्रकार के शोध कर रहे हैं.
सरकार के अधीन चलने वाले मध्य विद्यालय के साथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय और उत्क्रमित उच्च विद्यालय के कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राएं इस प्रोजेक्ट के प्रति रुचि दिखा रहे हैं.
गुलाम सरवर के अनुसार राज्य सरकार के निर्देश पर गिरिडीह सदर प्रखंड के जिन आठ स्कूलों में यह प्रोजेक्ट चल रहा है उनमें मध्य विद्यालय बदडीहा, मध्य विद्यालय चुंगलो, उत्क्रमित हाइ स्कूल पूरना नगर समेत कई स्कूल शामिल हैं.
बदडीहा स्कूल के हेडमास्टर दीपक कुमार और साइंस टीचर श्वेता कुमारी ने इस प्रोजेक्ट के प्रति विशेष ध्यान दिया है.
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