
NewDelhi : भीषण गर्मी देश भर में कहर बरपा रही है. भीषण गर्मी और चढ़ते पारे ने अब तक के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिये हैं. खासकर ट्रेनों के जनरल और स्लीपर कोचों में गर्मी से यात्रियों की हालत बेहद खराब होती जा रही है. खबरों के अनुसार तपती और जला देने वाली गर्मी के कारण सोमवार को आगरा और झांसी के बीच केरल एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में सफर कर रहे चार यात्रियों की मौत हो गयी. यात्री आगरा से कोयंबटूर जा रहे थे. बता दें कि यूपी सहित उत्तर भारत में भीषण गर्मी से आम लोग हलकान हो रहे हैं.
सोमवार को मथुरा का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस, बांदा का 49.20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जानकारी के अनुसार 10 दिन पहले 68 यात्रियों का एक दल तमिलनाडु से वाराणसी और आगरा घूमने आया था. वाराणसी घूमने के बाद वे शनिवार को आगरा पहुंचे.
यहां घूमने के बाद सोमवार की दोपहर लगभग ढाई बजे सभी यात्री आगरा कैंट से कोयंबटूर जाने के लिए केरल एक्सप्रेस (12626) के एस-8 और एस-9 कोच में सवार हुए. आरोप है कि आगरा से झांसी के बीच सिग्नल न होने की वजह से ट्रेन को कड़ी धूप में रोक दिया गया. इस दौरान कोच में सवार यात्री गर्मी से तड़प उठे.
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ट्रेन बीच रास्ते में खड़े होने के कारण उन्हें इलाज नहीं मिल सका
पांच यात्रियों की हालत काफी बिगड़ने लगी. ट्रेन बीच रास्ते में होने के चलते उन्हें इलाज भी नहीं मिल सका और चार यात्रियों ने दम तोड़ दिया. यात्रियों की मौत की सूचना से हड़कंप मच गया. शवों को झांसी रेलवे स्टेशन में उतार लिया गया और उनके परिजनों को सूचना दे दी गयी.
रेलवे प्रशासन इस बारे में साफ-साफ कुछ भी कहने से बच रहा है. उत्तर-मध्य रेलवे के पीआरओ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेन कुछ तकनीकी कारणों से लेट हो जाती है, लेकिन यात्रियों की तबीयत पहले से खराब थी.
उन्होंने कहा कि अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आयी है. इसके बाद ही पता चल पायेगा कि इन यात्रियों की मौत की असल वजह क्या थी. मृतकों के नाम तमिलनाडु के नीलगिरी निवासी 80 वर्षीय पाची अप्पा पलानी स्वामी, 69 वर्षीय बालाकृष्णन रामास्वामी, कोयम्बटूर की 71 वर्षीय चिन्नारे और उट्टी कन्नूर निवासी 87 वर्षीय सुबरय्या हैं. एक यात्री अस्पताल में भर्ती है.
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