
Ranchi : सेंटेवीटा हॉस्पिटल में बीते दिनों हार्ट की समस्या से जूझ रहे 85 वर्षीय मरीज को डॉ वरुण ने नया जीवन दिया है. बिहार के पूर्व डीजीपी सीने में दर्द की शिकायत पर हॉस्पिटल में आये थे. जहां एंजियोग्राफी करने के बाद पाया गया कि हार्ट की मुख्य नस में जहां पर वो विभाजित हो रही थी, वहां 90 प्रतिशत से ज्यादा का ब्लॉकेज था. साथ ही काफी मात्रा में कैल्सियम भी जमा था. ब्लॉकेज में कैल्सियम की मात्रा ज्यादा होने की वजह से स्टेंट और बैलून को ले जाना मुश्किल था. वहीं एंजियोप्लास्टी के बाद ब्लॉकेज को पूरी तरह से हटाना मुश्किल था. वहीं दोबारा ब्लॉकेज व क्लॉट की आशंका थी.
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डा वरुण ने इंटरवस्कुलर लीथोट्रिप्सी तकनीक से इस जटिल ऑपरेशन किया. झारखंड में इस तकनीक का सिर्फ दूसरी बार ही इस्तेमाल किया गया है.
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