
Hazaribagh : कोरोना संक्रमण के दौरान कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए जो ऑक्सीजन सिलेंडर जीवनदायिनी थे उनकी कालाबाजारी व गड़बड़ी शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में खूब हुई.अस्पताल से 183 गैस सिलेंडरों की चोरी होने का मामला सामने आया तो अस्पताल प्रबंधन के होश उड गये. मामले में एसआईटी की जांच शुरू हुई तो रोज नए खुलासे हो रहे है. जांच से पहले 100 से अधिक छोटे व बड़े सिलेंडर अस्पताल के विभिन्न वार्डो से बरामद किए गए.
सीएस का चालक विनीत पुलिस हिरासत में
वही बीते सोमवार की देर रात सिविल सर्जन के चालक विनीत को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है .सिविल सर्जन के सरकारी आवास से पुलिस ने दो ऑक्सीजन सिलेण्डर बरामद किये हैं.अब तो पुलिस की जांच में ही पता चल सकेगा कि इसमें चालक की भूमिका कितनी है.लेकिन जिस तरह ऑक्सीजन सिलेंडर मिला है उससे उसकी भूमिका जरूर सन्देह के घेरे में आयी है.






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सिविल सर्जन डॉ. शशि जयसवाल का कहना है कि वे सरकारी बंगले में नहीं रहते हैं.वर्ष 2019 में इस बंगले को कंडम घोषित कर दिया गया है.उसमें पूर्व के सीएस के समय से ही चालक रह रहा था.ऐसे में उनकी किसी तरह की कोई संलिप्तता नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले में जांच हो और जो दोषी हो उसपर कारवाई होनी चाहिए.
एक कर्मी बोला, जल्दबाजी में एफआईआर
सरकारी आवास के अंदर अस्पताल के एक कर्मचारी अर्जुन राम की पत्नी ललिता देवी ने बताया कि सोमवार की रात्रि पुलिस चालक विनीत को दो ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी.जबकि अस्पताल में कार्य कर रही आउटसोर्सिंग के कर्मी अफजल कहते है अस्पताल प्रबंधन की ओर से जल्दबाजी में एफआईआर कर दिया गया.पहले जांच की जाती तो इतनी बड़ी परेशानी किसी को नहीं होती. ये भी कहा कि छोटे 50 से 55 ऑक्सीजन सिलेंडर अभी भी गायब हैं.
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इस पर अस्पताल प्रबंधन के उपर भी सवाल उठने लगे कि क्यों बिना जांच पड़ताल किए हड़बड़ी में मामले दर्ज किए गए. अस्पताल के दो वार्ड बॉय को पुलिस ने पहले गिरफ्तार किया था. इनसे हुई पूछताछ में कई जानकारी जांच टीम को मिली थी. हालांकि अभी पुलिस कुछ भी नहीं बता रही है.
छोटे लोगों को बनया जा रहा बलि का बकरा
ये भी बात सामने आ रही है कि बड़े लोग इस मामले से बेदाग बच निकल रहे है और छोटे लोगों को बलि का बकरा बनाकर जेल भेजा जा रहा है. रविवार को कोर्रा थाना क्षेत्र के गांधी मैदान से डी टाइप छोटा ऑक्सीजन सिलेण्डर बरामद किया गया था,
वही इस मामले को उठाने वाले सीपीएम के जिला सचिव गणेश कुमार सीटू कहते है अस्पताल अपने बुने जाल में फंस गया है.पुलिस की भूमिका सही है.बड़े घोटाले को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि मामले का खुलासा नहीं हुआ तो वे हाईकोर्ट जाएंगे ताकि बड़ी मछली को भी जेल भेजा जा सके.
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