
Hazaribagh : एचजेडबी आरोग्यम मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल हजारीबाग के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ललित गुप्ता ने एक बार फिर अपनी अद्भुत चिकित्सीय क्षमता और अनुभव का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर महज़ 745 ग्राम वजन की नवजात बच्ची की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है. आरोग्यम हॉस्पिटल में पिछले करीब एक माह तक भर्ती कर इस नवजात बच्ची का आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज़ किया गया.
एक महीना पूर्व 01 नवंबर को यहां हजारीबाग शहर के कानी बाज़ार निवासी आशीष कुमार की पत्नी शीतल कुमारी ने 26 सप्ताह में 745 ग्राम वजन की एक नवजात बच्ची को जन्म दिया था. इस नवजात को देख पहले तो अस्पताल कर्मी और परिजन डर गए.
बच्ची को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ललित गुप्ता ने देखा. कई अंग प्रीमेच्योर थे और धड़कन भी धीमी चल रही थी. उन्होंने नवजात को गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में आयुष्मान भारत योजना के तहत भर्ती करके इलाज शुरू किया. धीरे-धीरे बच्चे में सुधार हुआ.
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डॉ. ललित गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर जन्म के समय सामान्य बच्चे का वजन जहां ढाई किलो से लेकर साढ़े किलो तक होता है, वहीं इस प्रीमेच्योर बच्चे का वजन सिर्फ 745 ग्राम ही था. हमने सकारात्मक दिशा में इलाज शुरू किया और इलाज में एसएनसीयू की नर्सिंग स्टाफ शालीनता, पिंकी, अंशु और विनीता के अलावे नवजात शिशु के परिजनों का भरपूर सहयोग मिला. जिसके चलते ही महज़ एक महीने में ही बच्ची का वजन 1.560 किलो हो गया.




आरोग्यम हॉस्पिटल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने अस्पताल की इस बड़ी उपलब्धि पर ख़ुशी जताते हुए बच्चे के इलाज़ में जुटी हॉस्पिटल की पूरी टीम को बधाई दी. हर्ष अजमेरा ने यह भी बताया कि अमूमन ऐसे केस छोटे शहरों में नहीं हो पाते हैं. लेकिन आरोग्यम हॉस्पिटल हजारीबाग और आसपास के इलाके के लोगों के लिए आयुष्मान भारत के तहत भी बेहतर चिकित्सीय इलाज उपलब्ध कराने में हरसंभव प्रत्यनशील हैं और आगे भी रहेगा.
इससे पूर्व भी आरोग्यम हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ललित गुप्ता ने अपने विलक्षण चिकित्सीय प्रतिभा और अनुभव को प्रदर्शित कर 550 ग्राम की एक नवजात शिशु को आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब ढाई महीने तक निरंतर इलाज़ के बाद उसकी भी जान बचाने में सफलता हासिल की थी और चर्चा में आये थे.
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