
Mumbai : भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लिया है. संन्यास के बाद उनके भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. किसी का कहना है कि वह अब पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरेंगे तो कुछ लोगों का कहना है कि वह आईपीएल में किसी टीम के साथ बतौर सपोर्ट स्टाफ जुड़ने वाले हैं.
हालांकि, भज्जी भविष्य में क्या करेंगे यह तो वक्त ही बताएगा. लेकिन फिलहाल उन्होंने साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह से ‘समझौता’ नहीं करेंगे.
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सही को सही और गलत को गलत कहता हूं


दिग्गज ऑफ स्पिनर से जब यह पूछा गया कि रिटायरमेंट के बाद भी खिलाड़ी जल्दी बीसीसीआई से पंगा नहीं लेते हैं, ऐसे में उनका आगे का क्या प्लान है तो भज्जी ने जी न्यूज के साथ बातचीत में कहा, ‘मैं एक ऐसा इंसान रहा हूं जो सही को सही और गलत को गलत कहता है.
मुझे लगता है कि जिस किसी को एक ईमानदार आदमी की कद्र होती है, वह मुझे जरूर कहेंगे कि आप आइए और ये काम करना है और आप कर सकते हो. मुझे किसी के तलवे नहीं चाटने हैं कि मुझे कोई खास काम दिया जाए. फिर चाहे वह किसी भी क्रिकेट एसोसिएशन का काम हो या किसी भी तरह से हो. मैं कड़ी मेहनत करके यहां तक पहुंचा हूं.’
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संन्यास की टाइमिंग ठीक नहीं थी
41 साल के हरभजन ने माना कि उन्हें 3-4 साल पहले ही संन्यास ले लेना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘लेट जरूर हूं. इस नतीजे पर मैं लेट पहुंचा हूं. मुझे 3-4 साल पहले ही संन्यास ले लेना चाहिए था. टाइमिंग ठीक नहीं थी.
साल के अंत में सोचा कि किसी और तरीके से क्रिकेट की सेवा करूं. मेरी खेलने की लालसा अब वैसी नहीं रही जैसी पहले थी. 41वें साल में इतनी मेहनत करने का मन नहीं करता, सोचा कि आईपीएल खेलना है तो मेहनत बहुत लगेगी. देखना है अब आगे कैसे खेल की सेवा करूंगा.’
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मैदान से संन्यास नहीं लेने का है मलाल
भज्जी ने कहा, ‘हर खिलाड़ी भारत की जर्सी पहनकर संन्यास लेना चाहता है लेकिन किस्मत हमेशा साथ नहीं देती और कई बार आप जो चाहते हैं वह नहीं होता. आपने वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग जैसे बड़े नामों को लिया है और बाद में संन्यास लेने वाले कई अन्य लोगों को मौका नहीं मिला. उन्होंने 10-15 साल भारतीय क्रिकेट को दिए, लेकिन अगर ऐसा ना हो सका तो भी उनकी शान कम नहीं होगी.’
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