
Ranchi: विधानसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस छोड़ चुके तीन बड़े नेता एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी (कांग्रेस) का दामन थामने जा रहे है. इनमें ने बीते दिनों ही कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. वहीं बाकी दो शामिल होने की तैयारी में है. हम बात कर रहे हैं, वैसे नेताओं की जो विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस छोड़ दूसरे दलों में शामिल हो गये थे. अब इनका नाम भी जान लें. ये हैं- डॉ अजय कुमार, सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू. यह सभी जानते है कि सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू ने तो दूसरे पार्टियों से चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गये. तीसरे नेता डॉ अजय कुमार की लड़ाई पार्टी में चल रही गुटबाजी को लेकर था. डॉ अजय कुमार ने बीते दिनों ही पार्टी में अपनी वापसी कर ली है. बाकी दोनों नेता दोबारा कांग्रेस में वापसी करना चाह रहे है. जिसकी पृष्ठभूमि लगभग तैयार है. बस पार्टी केंद्रीय नेतृत्व से ही औपचारिक घोषणा होना बाकी है.
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तीन बार अध्यक्ष रहे चुके बलमुचू ने ली थी आजसू की सदस्यता


प्रदीप बलमुचू झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद तीन बार संभाल चूके है. इसमें एक बार वे प्रभारी अध्यक्ष करीब डेढ़ साल (29 दिसंबर 2001 से 8 जून 2003) तक रहे हैं. वहीं करीब 8 साल तक वे दो बार (13 जुलाई 2005 से 10 नवंबर 2011 तक, 11 नवबंर 2011 से 12 मई 2013 तक) अध्यक्ष रहे थे. घाटशिला से तीन बार विधायक रहे चुके प्रदीप बलमुचू ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले आजसू की सदस्यता ले ली थी. बताया गया था कि कांग्रेस-राजद-झामुमो महागठबंधन की सीट शेयरिंग में घाटशिला विस सीट झामुमो को दे दिये जाने से वे आहत थे. हालांकि चुनाव में उन्हें करारी हार मिली थी. बीते दिनों प्रदेश मुख्यालय में भी किसी कार्यक्रम में पहुंचे थे. इससे भी उनके कांग्रेस में आने की अटकलें तेज हो गयी थी.


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तालमेल नहीं होने पर सुखदेव भगत ने छोड़ी थी पार्टी
करीब डेढ़ दशक तक कांग्रेस में रहे सुखदेव भगत ने एक बार प्रदेश अध्यक्ष (13 मई 2013 से 15 नवम्बर 2017) का पद संभाला था. हालांकि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली थी. कहा जाता है कि वर्तमान प्रदेश नेतृत्व से तालमेल नहीं बैठने के कारण सुखदेव भगत ने पार्टी छोड़ी थी. चुनाव में उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार डॉ रामेश्वर उरांव ने करारी शिकस्त दी थी. सुखदेव भगत 2019 में ही लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे. हालांकि वे चुनाव हार गये थे.
डॉ अजय कुमार के आने के बाद राह भी हुई आसान
सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू के वापस आने की राह पूर्व डॉ अजय कुमार ने आने के बाद और भी आसान हो गयी है. बता दें कि डॉ अजय कुमार भी 16 नवंबर 2017 से 9 अगस्त 2019 तक प्रदेश अध्यक्ष रह चूके है. बीते दिनों ही कांग्रेस में वापसी हुई है. डॉ अजय कुमार ने पिछले साल पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा लिया था. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुबोधकांत सहाय के साथ उनका विवाद खुल कर सामने आया था. कांग्रेस छोड़ने से पहले डॉ अजय कुमार ने राहुल गांधी को भेजे पत्र में बेहद तीखे लहजे में अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि आईपीएस के रूप में वीरता पुरस्कार हासिल किए हैं, लेकिन जैसे सहयोगी उन्हें मिले, उनके आगे खराब से खराब अपराधी भी बेहतर दिखते हैं. डॉ अजय कुमार का आरोप था कि पार्टी के कार्यकर्ता कांग्रेस के नहीं नेताओं के वफादार हैं.
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