
Gumla: जिले के चैनपुर प्रखंड के एक प्रशासनिक पदाधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. जिसकी जांच चैनपुर एसडीपीओ कर रहे हैं. इस बीच प्रशासनिक पदाधिकारी ने उपायुक्त के समक्ष अपना पक्ष रखा है.
दरअसल, पूर्व डीलर करमू गोप ने 6 जुलाई को गुमला एसपी के समक्ष शिकायत दर्ज करायी थी. जिसमें उन्होंने प्रशासनिक पदाघिकारी पर रिश्वत लिये जाने और पीडीएस लाइसेंस बचाने के लिये पदाधिकारी के आवास में पुत्री को भेजने का दबाब डालने का आरोप लगाया था.
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प्रशासनिक पदाधिकारी ने आरोपों को गलत बताया


उपायुक्त के सामने रखे अपने पक्ष में प्रशासनिक पदाधिकारी ने कहा है कि चान्दगो निवासी घरमू गोप और करमू गोप दोनों भाई है और दोनों को पीडीएस दुकान मिली हुई थी. जिसका लाइसेंस संख्या 01/97 एवं 02/2003 था. जिन पर लाभुकों को कम अनाज देने और उनका राशन कार्ड अपने पास रखे जाने की शिकायत पर जिला आपूर्ति पदाघिकारी के द्वारा पीडीएस दुकान का लाइसेंस रद्द किया गया है. करमू गोप ने दुकान का लाइसेंस रद्द होने के 16 महीने बाद मनगढ़ंत शिकायत दर्ज करायी है.
23 जनवरी 2019 को डीलर के खिलाफ दर्ज की गई थी शिकायत
अपना पक्ष रखते हुए अधिकारी ने बताया कि रोहित उरांव और रमेश उरांव समेत 29 ग्रामीणें ने 23 जनवरी 2019 को कम अनाज देने की शिकायत दर्ज करायी थी. जिस पर कार्रवाई करते हुये 24 जनवरी को दुकान पर औचक निरीक्षण किया गया था.
जिसमें पीडीएस डीलर ने दुकान छोड़कर भागने का प्रयास किया था. जांच में प्रखंड के अन्य कर्मी के साथ बामदा के मुखिया भी साथ थे. दुकान के स्टॉक सत्यापन में करमू गोप की दुकान से बांटा जाने वाले 40 किलो की जगह 27 किलो राशन ही दिया जा रहा था. वहीं दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में राशन वितरण भी नहीं किया गया था.
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स्टॉक में जहां दुकान में 120 बोरा अनाज होने चाहिए वहां मात्र 67 बोरे थे. जांच प्रक्रिया पूरी कर इस पर 14 फरवरी 2019 को करमू गोप से जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण मांगा था. जिस पर संतोषजनक जवाब नहीं पाये जाने पर जिला आपूर्ति पदाघिकारी ने लाइसेंस रद्द कर दिया गया था. साथ ही उनके भाई धरमू गोप की दुकान की भी सही मात्र में अनाज नहीं देने को लेकर विभागीय जांच की गयी थी. धरमू गोप लाभुकों का राशन कार्ड अपने पास रखता था. जांच के बाद जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने लाइसेंस रद्द कर दिये.
पूर्व डीलर ने 16 माह बाद दर्ज कराया झूठा बयान
अधिकारी का कहना है कि पूर्व डीलर ने घटना को अलग मोड़ देने के लिये अपनी पुत्री का नाम शिकायत में शामिल किया है. प्रशासनिक पदाधिकारी ने कहा कि मेरे विरुद्ध अनर्गल बयान पुलिस अधीक्षक के समक्ष दर्ज कराया गया है जो गलत है. उन्होनें कहा, दोनों पूर्व डीलर के परिवार के किसी सदस्य से मैं अब तक नहीं मिला हूं, न ही उन्हें जानता हूं.
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