
Ranchi: राज्य सरकार ने इस बार छठ पूजा छठघाटों में मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. मतलब यह कि अब झारखंड के लोगों को छठ का अर्घ्य अपने घरों पर ही देना होगा. जिनके पास घर में अर्घ्य देने की व्यवस्था नहीं है वे कैसे अर्घ्य देंगे, ये अब भी सवाल है. बिना अर्घ्य दिये छठ पूजा संपन्न हो ही नहीं सकती और कई परिवार पूजा रोक भी नहीं सकते. ऐसे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार से इस तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग की है.
दीपक प्रकाश ने छठ घाटों में सुरक्षा नियमों के साथ छठ पूजा की व्यवस्था सुनिश्चित कराने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि महापर्व छठ पर इस तरह का प्रतिबंध लगाना घोर पाप है. इसकी जितनी भी निंदा की जाये, कम है.
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छठ के दौरान कोरोना को लेकर झारखंड सरकार की क्या है गाइडलाइन
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से रविवार देर रात जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है. जिसके अनुसार छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालुओं के लिए नदियों और तालाबों में केंद्र सरकार के निर्देशों तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन संभव नहीं हैं. ऐसे में लोग अपने घरों में ही इस बार छठ महापर्व का आयोजन करें.
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन में यह साफ कहा गया है कि इस बार छठ महापर्व के दौरान किसी भी नदी, झील, डैम या तालाब के छठ घाट पर किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की मनाही होगी. छठ घाट के समीप कोई दुकान या स्टॉल नहीं लगेगा. पर्व के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर पटाखा, लाइटिंग और मनोरंजन संबंधी कार्यक्रम पर पूरी तरह से रोक रहेगी.
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