
Ranchi: मार्च 2020 से राज्य के प्राइमरी स्कूल बंद होने पर फेडरेशन ऑफ चैंबर सदस्यों ने चिंता जतायी. फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की बैठक गुरुवार को हुई जिसमें एजुकेशन उप समिति की ओर से प्राइमरी स्कूलों के मुद्दे पर चर्चा की गयी.
बैठक की जानकारी देते हुए उप समिति अध्यक्ष विपुल मुंजल कहा गया कि देश के कई राज्यों में प्राइमरी स्कूल खुल चुके हैं जिनमें ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में प्राइमरी स्कूलों शुरू हैं. वहीं देश के जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी स्कूल खोलने की सलाह दे दी है.
चैंबर की ओर से मांग की गयी कि एक दिसंबर से प्राइमरी स्कूलों को खोलने की अनुमति सरकार को देनी चाहिये. इसके लिये चैंबर की ओर से अभिभावकों, बच्चों और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बैठक करने पर सहमति बनी.






स्कूल नहीं जाते बच्चे, स्टेडियम में भीड़
विपल मुंजल ने कहा कि स्टेडियम में 70 हजार दर्शक क्रिकेट देख सकते हैं. ऐसे में स्कूल प्रारंभ करने में भी कठिनाई नहीं होनी चाहिए. सरकार को इस मामले की शीघ्र समीक्षा करनी चाहिए.
बैठक के दौरान गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए न्यूनतम लैंड रिक्वायरमेंट की बाध्यता से हो रही कठिनाइयों पर भी चर्चा की गयी.
यह सुझाया गया कि गैर सरकारी शिक्षण संस्थान को मान्यता देने संबंधित इस नियम को सरल किया जाये.
न्यूनतम लैंड की बाध्यता को कम करना चाहिए जिससे गैर सरकारी शिक्षण संस्थान खोले जा सकें.
मामले में पत्राचार करने की सहमति बनी. इस दौरान कार्यकारिणी सदस्य किशोर मंत्री, अमित शर्मा, उप समिति चेयरमेन विकास सिन्हा, विपुल मुंजल एवं सदस्य मुकेश पाण्डेय उपस्थित रहे.
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