
Garhwa : पलामू प्रमंडल के गढ़वा जिले के एक क्वारंटाइन सेंटर से दो दर्जन मजदूर दीवार फांद कर भाग गये. बाद में मजदूरों ने सड़क जाम कर दिया. इस दौरान प्रशासन पर भोजन सहित अन्य सुविधाएं नहीं देने का आरोप लगाया गया. हालांकि कुछ देर बाद प्रशासन ने सभी को पकड़ कर क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया.
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गढ़वा जिले के रंका प्रखंड कार्यालय स्थित आइबी भवन के क्वारंटाइन सेंटर से मंगलवार को 20 मजदूर चहारदीवारी कूद कर भाग निकले. प्रशासन पर सहायता न करने का आरोप लगाते हुए एनएच 343 (गढ़वा-अंबिकापुर मार्ग) को जाम कर दिया. मजदूर रंका प्रखंड कार्यालय से भाग कर खरडीहा पहुंचे और वहीं सड़क जाम कर दिया. सड़क जाम की वजह से दोनों ओर मालवाहक ट्रकों की लंबी लाइन लग गयी. इस बीच आंधी और बारिश में भी मजदूर सड़क पर डटे रहे. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी मजदूरों को चार किलोमीटर दूर खरडीहा से पकड़ा और पुनः क्वारंटाइन सेंटर में लाया गया.
ढाई लाख देकर बस से पहुंचे थे 42 मजदूर
जानकारी के मुताबिक गुजरात के बड़ौदा से रिजर्व बस से चार महिला एवं बच्चे सहित 42 मजदूर सोमवार की रात 9 बजे क्वारंटाइन सेंटर पहुंचे थे. मजदूरों ने बताया कि रात्रि में भोजन नहीं मिला, सिर्फ एक पैकेट छोटा बिस्किट एवं मिक्चर का मिला. सुबह दस बजे तक खाने के लिए कुछ नहीं मिला और स्वास्थ्य जांच में विलंब होने के कारण 20 मजदूर चहारदिवारी से कूद कर भाग गये. सभी मजदूर गढ़वा जिला के भवनाथपुर व खरौंधी प्रखंड के रहनेवाले हैं. मजदूरों ने बताया कि वे 2.5 लाख में बस रिजर्व कर अपने गांव लौट रहे थे. बीच में रोक दिया गया.
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क्या कहना है प्रशासन का
इस संबंध में सीओ सह बीडीओ निशात अंबर ने कहा कि दूर-दराज से आनेवाले मजदूरों की सूचना वहां का प्रशासन नहीं देता है. इस कारण रात्रि में मजदूरों की खाना नहीं मिल सका. बिस्किट व मिक्चर दिया गया. चिकित्सक की कमी के कारण मजदूरों की स्वास्थ्य जांच में विलंब होता है. क्वारंटाइन सेंटर में एक-दो चौकीदार रहते हैं. सुबह में एक चौकीदार भोला पासवान मौजूद था. मजदूरों ने चौकीदार भोला पासवान की बात नहीं सुनी और चहारदिवारी कूद कर 20 भाग निकले. सूचना मिलने पर पुलिस ने भागे सभी मजदूरों को पकड़ कर पुनः क्वारंटाइन सेंटर में पहुंचाया.
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