
Mumbai : संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Gangubai Kathiawadi) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. लगातार विरोध के बीच मुंबई की मझगांव अदालत (Mumbai Mazgaon Court Summons) ने आलिया भट्ट (Alia Bhatt), संजय लीला भंसाली और फिल्म के लेखक को समन भेजा कर हाजिर होने के आदेश दिए हैं. मुंबई की एक चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने सभी को 21 मई को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा है.
दावा- मैं गंगूबाई का गोद लिया हुआ बेटा


बीते दिनों फिल्म के विरोध में महाराष्ट्र विधानसभा में भी चर्चा हुई थी. कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने फिल्म के नाम का विरोध किया था. ताजा मामले में मजिस्ट्रेट ने यह समन क्रिमिनल मानहानि केस (Criminal Defamation Case) के तहत भेजा है. बाबू रावजी शाह नाम के एक शख्स ने मानहानि का यह केस दर्ज करवाया था. बाबू रावजी का दावा है कि वह गंगूबाई के गोद लिए हुए बेटे हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म के कारण उनके परिवार की बदनामी हो रही है.




‘झूठे तथ्योंे पर आधारित है कहानी और किताब’
बाबू रावजी ने कहा है कि हुसैन जैदी (Hussain Zaidi) की किताब ‘माफिया क्वीहन्सम ऑफ मुंबई’ (Mafia Queens of Mumbai) में लिखी बातें सच नहीं हैं. ऐसे में संजय लीला भंसाली ने झूठे तथ्यों को आधार बनाकर फिल्मu का निर्माण किया है. ऐसे में उन्होंने फिल्म के निर्देशक के साथ ही उपन्यास के लेखक के खिलाफ भी मानहानि का दावा किया है.
बाबू रावजी इससे पहले सेशंस कोर्ट भी गए थे. उन्होंने वहां फिल्म के प्रोमो और ट्रेलर पर रोक लगाने की मांग की थी. कोर्ट ने उनकी गुहार को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि किताब 2011 में रिलीज हुई थी और वह अब 2020 में शिकायत दर्ज करवा रहे हैं.
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दिसंबर, 2020 में दर्ज करवाई थी शिकायत
कोर्ट ने हालांकि यह बात जरूर मानी थी कि बाबू रावजी शाह और उनके परिवार को किताब और प्रोमो की वजह से मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ा है. शाह ने इस बाबत 11 दिसंबर 2020 को नागपाड़ा थाने में शकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत के बाद सभी आरोपियों को नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन सिर्फ एक आरोपी ने इसका जवाब दिया था.
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नहीं दे पाए बेटे होने का सबूत
दिलचस्प बात यह भी है कि बाबू रावजी शाह इस बात का कोई सबूत नहीं दे पाए थे कि वह वाकई गंगूबाई के गोद लिए हुए बेटे हैं. फिल्म के मेकर्स और लेखकों ने यह बात सामने रखी कि कैसे गंगूबाई की फैमिली के साथ कभी शाह को नहीं देखा गया है. सेशंस कोर्ट में अपनी दलील खारिज होने के बाद बाबू रावजी शाह ने क्रिमिनल ऐक्शन में फिल्म मेकर्स और लेखकों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
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