
Ranchi : पंचायतों के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार से ग्रामीण विकास के लिए 15वें वित्त की दूसरी किस्त की राशि झारखंड को मिल चुकी है. फरवरी के पहले सप्ताह में केंद्र से 422 करोड़ रुपये राज्य (ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज) को आवंटित किये गये हैं. अब ग्रामीण विकास विभाग एक-दो दिनों में पंचायतों (त्रिस्तरीय) को पैसा भेज देगा. पंचायतों के खाते में इसका ऑनलाइन भुगतान किया जायेगा.
पंचायतों में अब कार्यकारी समिति
गौरतलब है कि फिलहाल राज्य में पंचायती व्यवस्था भंग हो चुकी है. उसकी जगह पर त्रिस्तरीय कार्यकारी समिति का गठन किया गया है. जिला परिषद, पंचायत समिति और पंचायती राज व्यवस्था में शामिल जनप्रतिनिधियों को कार्यकारी समिति के प्रधान और सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है.


ऐसे में अब पंचायती राज विभाग के आदेश पर पंचायत प्रतिनिधि कार्यकारी समिति के प्रधान के तौर पर जाने जायेंगे. 15वें वित्त के पैसे के उपयोग में भी अब जिला परिषद प्रमुख, पंचायत समिति औऱ मुखिया के बजाए कार्यकारी समिति के प्रमुख के तौर पर ही उनका पदनाम उपयोग में लाया जायेगा. इसके लिए संबंधित प्रमुख पदधारियों का डिजिटल सिग्नेचर तो पूर्व की तरह ही रहेगा पर उनका पदनाम अब बदल दिया गया है.




ग्राम पंचायतों के साथ-साथ जिला परिषदों को भी लाभ
15वें वित्त की पहली किस्त का पैसा पिछले साल जून-जुलाई में केंद्र से मिला था. जुलाई में पंचायतों को ये पैसे जारी हुए थे. टाइड औऱ अनटाइड फंड के तौर पर उन्हें तकरीबन 632 करोड़ जारी किये गये थे. इस पैसे के मिली राशि को ग्राम पंचायतों के अलावे पंचायत समिति और जिला परिषद को भी भेजा गया.
इससे पूर्व 14वें वित्त आयोग के अनुदान में मिलनेवाली पूरी रकम ग्राम-पंचायत को जाती थी. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा को वित्तीय वर्ष 2020-21 से देशभर में लागू किया गया. पूर्व में जिला परिषद और पंचायत समितियों के पास वित्त आयोग की राशि नहीं मिलने के कारण विकास मद की राशि की कमी रहती थी. नयी व्यवस्था से जिला परिषदों को भी वित्त आयोग की राशि से स्वतंत्र रूप से विकास योजना का संचालन करने में मदद मिल रही है.