
- भवन निर्माण विभाग ने अब तक नहीं किया उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग को सुपुर्द
- इसी साल से होना है नामांकन
- अभी चल रही पद सृजित करने की प्रक्रिया
Ranchi : झारखंड सरकार की ओर से बीते 20 साल से एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज बीआइटी सिंदरी चलाया जा रहा है. इन सालों में 16 इंजीनियरिंग कॉलेज खुले लेकिन सभी पीपीपी मोड में चलाये जा रहे हैं. इस बीच राज्य सरकार की ओर से अपना इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की कवायद हुई. छह साल पहले चार इंजीनियरिंग कॉलेज लगभग 500 करोड़ की लागत से बने पर अब तक शुरू नहीं हो सके. अब इस साल से एआइसीटीई ने एडमिशन लेने की अनुमति दी है.
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चार में से तीन कॉलेज को ही मिली मान्यता




बताते चलें कि भवन निर्माण विभाग की ओर से कोडरमा, पलामू, गोला व जमशेदपुर में इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन बनाये गये. भवन बनने के छह साल बाद भी पढ़ाई शुरू नहीं हो पायी.
इस वर्ष एआइसीटीई ने चार में से तीन कॉलेज को ही मान्यता दी है. जबकि जमशेदपुर में बने इंजीनियरिंग कॉलेज को वांछित कागजात सहित आधारभूत संरचना में कमी तथा फायर फाइटिंग की व्यवस्था नहीं रहने के कारण एआइसीटीई ने फिलहाल मान्यता नहीं दी है.
एक इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन की निर्माण लागत लगभग 100 से 125 करोड़ रुपये है. इतना ही नहीं भवन निर्माण विभाग ने तकनीकी शिक्षा विभाग को भवन हैंड ओवर भी नहीं किया है.
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अब शुरू हो रही पद सृजन की कवायद
छह साल से बेकार पड़े इन इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन की अनुमति मिलने के बाद अब पद सृजन की कवायद विभाग ने शुरू की है. जमशेदपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में 240 सीटों पर नामांकन होना है, जबकि अन्य तीन कॉलेजों में 300-300 विद्यार्थियों का नामांकन होना है.
एक इंजीनियरिंग कॉलेज में लगभग 60 शिक्षक व 75 कर्मचारियों की नियुक्ति होनी है. बताते चलें कि गोला इंजीनियरिंग कॉलेज को पहले महिला इंजीनियरिंग कॉलेज बनाया गया था. अब इसमें छात्राओं के साथ छात्रों का भी नामांकन होगा.
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