
Dhanbad: टुंडी के पूर्व विधायक राजकिशोर महतो का बुधवार को निधन हो गया. उन्होंने शाम करीब 8 बजकर 20 मिनट पर धनबाद के जालान अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने शोक जताया है.
झारखंड के पुरोधा स्वर्गीय बिनोद बिहारी महतो के पुत्र राजकिशोर महतो को मंगलवार को ही तबीयत बिगड़ने पर जालान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. चिकित्सकों के अनुसार उनके फेफड़े में पानी भर गया था.
उनकी कोविड-19 जांच भी करायी गयी थी जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आयी थी.
राजकिशोर महतो आइएसएम धनबाद से पढ़े थे और लॉ की पढ़ाई कर वकालत करने लगे थे. 1991 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष व अपने पिता बिनोद बिहारी महतो के निधन के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा.
उसी साल अपने पिता के निधन से खाली हुए गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से उन्होंने चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बन गये. बाद में सिदरी व टुंडी विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी बने. राजकिशोर महतो झारखंड विधि आयोग के अध्यक्ष भी रहे.
आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने उनके निधन को बडी़ क्षति बताया है. कहा है कि इस खबर से मन बेहद विचलित है. झारखंड आंदोलन से जुड़े राजकिशोर बाबू जमीनी विषयों, सवालों और मुद्दों पर अच्छी समझ रखते थे. वे कानून के जानकार थे और सामाजिक तानाबाना के साथ रजनीति में भी उन्होंने खासी लोकप्रियता हासिल की. 2014 में वे आजसू पार्टी के टिकट पर ही टुंडी से चुनाव जीते. इस दौरान उनसे सीखने-समझने का भी मौका मिला. सार्वजनिक जीवन में वे बेबाक रहे और हमेशा झारखंड तथा झारखंडी विषयों को लेकर मुखर रहे । उनके निधन से आजसू पार्टी के साथ झारखंड की राजनीति को अपूरणीय क्षति पहुंची है.