
New Delhi : दुनिया को शीत युद्ध की काली छाया से मुक्त कराने वाले सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया. बताया गया है कि गोर्बाचेव को कुछ गंभीर बीमारियां थीं जिसका वो लंबे समय से अस्पताल में इलाज करवा रहे थे. बीती रात उन्होंने अंतिम सांस ली.
गोर्बाचेव को ग्लासनोस्त के साथ-साथ पेरेस्रोइका (Perestroika) के लिए भी जाना जाता है जो एक आर्थिक कार्यक्रम था. पेरेस्रोइका का मतलब ही है- आर्थिक पुनर्गठन. उस वक्त सोवियत संघ को इसकी बहुत दरकार थी क्योंकि तब उसे मंदी और जरूरी वस्तुओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा था. तभी गोर्बाचेव ने मीडिया और कला जगत को भी सांस्कृतिक आजादी दी. उन्होंने सरकार पर कम्यूनिस्ट पार्टी की पकड़ ढीली करने की दिशा में कई क्रांतिकारी सुधार किए. उसी दौरान हजारों राजनीतिक कैदी और कम्यूनिस्ट शासन के आलोचकों को भी जेल से रिहा किया गया. गोर्बाचेव को अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते को लागू करने का श्रेय दिया जाता है. इसी के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था.
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