
Lucknow: भाजपा ने सोमवार को अपने एक वरिष्ठ नेता को पार्टी से निकाल दिया. पार्टी के पूर्व प्रवक्ता आईपी सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि, दो गुजराती ठग हिन्दी हृदय स्थल, हिन्दी भाषियों पर कब्जा करके पांच वर्ष से बेवकूफ बना रहे हैं. सिंह ने यह भी कहा था कि, हमने ‘प्रधानमंत्री’ चुना था या ‘प्रचारमंत्री’? अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से देश का पीएम क्या टी-शर्ट और चाय का कप बेचते हुए अच्छा लगता है?’
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दो गुजराती ठग बेवकूफ बना रहे
भाजपा नेतृत्व पर लगातार कई ट्वीट कर पार्टी के पूर्व प्रवक्ता ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का स्वागत करते हुए कहा था कि, मुझे खुशी होगी कि यदि मेरा आवास भी आपका चुनाव कार्यालय बने. भाजपा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि आईपी सिंह को पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर छह साल के लिये निकाल दिया गया है.
सिंह ने भाजपा नेतृत्व के खिलाफ लगातार कई ट्वीट किये और अपने नाम के आगे ‘उसूलदार’ लगा लिया. उन्होंने शुक्रवार को किये गये अपने ट्वीट में कहा कि, ‘मैं उसूलदार क्षत्रिय कुल से हूं. दो गुजराती ठग हिन्दी हृदय स्थल, हिन्दी भाषियों पर कब्जा करके पांच वर्ष से बेवकूफ बना रहे हैं और हम खामोश हैं,
हमारा उत्तर प्रदेश गुजरात से 6 गुना बड़ा और अर्थव्यवस्था भी 5 लाख करोड़ की, गुजरात 1 लाख 15 हजार करोड़, इतने में क्या खायेगा क्या विकास करेगा. एक अन्य ट्वीट में सिंह ने कहा कि, ‘हमने ‘प्रधानमंत्री’ चुना था या ‘प्रचारमंत्री’? अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से देश का पीएम क्या टी-शर्ट और चाय का कप बेचते हुए अच्छा लगता है?
भाजपा वो पार्टी रही है, जिसने अपने विचारों से लोगों के दिलों में जगह बनायी, मिस काल देकर और टी-शर्ट पहन कर ‘कार्यकर्ताओं’ की खेती असंभव है.’
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छह वर्षो के लिये पार्टी से निष्काषित
पार्टी से निकाले जाने के बाद सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ‘मीडिया के मित्रों से खबर मिली है कि भाजपा ने मुझे छह वर्षो के लिये पार्टी से निष्काषित कर दिया है. वही पार्टी जिसे मैंने अपने जीवन के तीन दशक दिये, एक धरतीपकड़ कार्यकर्ता की तरह जन सरोकार की राजनीति की, ढह चुके आंतरिक लोकतंत्र के बीच ‘सच बोलना जुर्म हो चुका है.’
उन्होंने कहा कि ‘माफ की कीजियेगा नरेंद्र मोदी जी, अपनी आंख पर पट्टी बांधकर आपके लिये ‘चौकीदारी’ नहीं कर सकता. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, सिंह पार्टी में पर्याप्त तवज्जो न मिलने से कुछ दिनों से नाराज चल रहे थे.
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