
Amroha/Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के अमरोहा की एक अदालत ने शनिवार को एक 26 वर्षीय कारपेंटर को पांच साल की सज़ा सुनाई. इस शख़्स को राज्य के धर्मांतरण क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था. अफ़ज़ल पर आरोप थे कि उसने बीते साल अप्रैल में एक दूसरे समुदाय की 16 साल की लड़की का अपहरण किया था. बाद में अफ़ज़ल की निशानदेही पर लड़की को बरामद किया गया था.उत्तर प्रदेश पुलिस के अपर महानिदेशक (अभियोजन) आशुतोष पांडे ने बताया है कि राज्य के धर्मांतरण क़ानून के तहत मिली ये पहली सज़ा हैसंभल का रहने वाला अफ़ज़ल ज़मानत पर बाहर था और शुक्रवार को उसे हिरासत में ले लिया गया था जिसके बाद कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया.
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अमरोहा के विशेष अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने बताया, “अफ़ज़ल ने लड़की को अपना नाम ‘अरमान कोहली’ बताया था. उसकी असली पहचान बाद में ज़ाहिर हुई”. सैनी ने बताया, “शनिवार को अतिरिक्त ज़िला जज कपिला राघव ने अफ़ज़ल को पांच साल की जेल की सज़ा सुनाई.” उन्होंने बताया कि कोर्ट में अभियोजन पक्ष के कुल सात गवाह पेश हुए थे.
क्या था मामला
अभियोजन पक्ष के मुताबिक़ ये मामला बीते साल 2 अप्रैल का है जब लड़की के पिता ने स्थानीय पुलिस थाने में अपनी बेटी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि उनकी लड़की दो दिन पहले काम के लिए घर से निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि दो स्थानीय लोगों ने उनकी बेटी को एक शख़्स के साथ देखा था. पिता ने यह भी पुलिस को बताया कि उन्होंने पाया था कि उनकी बेटी लगातार अफ़ज़ल के संपर्क में थी और वो उनकी नर्सरी में पौधे भी ख़रीदने आता था. इसके बाद पुलिस ने अफ़ज़ल के ख़िलाफ़ धर्मांतरण क़ानून के तहत मामला दर्ज किया था क्योंकि लड़की के पिता ने आरोप लगाया था कि अफ़ज़ल ने उनकी बेटी का ‘धर्मांतरण के लिए अपहरण’ किया था. एक दिन के बाद पुलिस ने अफ़ज़ल को दिल्ली से गिरफ़्तार किया था जब वो अपने रिश्तेदार के यहां जा रहा था, बाद में पुलिस ने लड़की का भी पता लगा लिया था. उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन पर रोक अध्यादेश साल 2020 की 28 नवंबर से लागू हुआ था. बाद में राज्य सरकार अध्यादेश को बदलने के लिए बिल लेकर आई.