
Ranchi. लॉकडाउन में बाहर फंसे श्रमिकों की मदद के लिए राज्य सरकार लगातार पहल कर रही है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें कुछ सुझाव भी दिये हैं.
उन्होंने सीएम और श्रम एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानन्द भोक्ता को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने झारखंड से बाहर फंसे लाखों श्रमिकों की सहायता किये जाने के संदर्भ में अपने विचार रखे हैं. वरीय पदाधिकारियों की टीम को अलग-अलग शहरों में भेज कर प्रवासी श्रमिकों की मदद किये जाने का आग्रह किया है.
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अलग-अलग राज्य सरकारों के साथ समन्वय बना कर काम करे अधिकारियों की टीम
बाबूलाल मरांडी के अनुसार सूरत, दिल्ली, हैदराबाद, गुरुग्राम, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, जयपुर, गाजियाबाद जैसी जगहों पर बड़ी संख्या में झारखंडी श्रमिक वहां रहते हुए रोजी-रोटी कमाते हैं.
कोरोना संक्रमण रोकने को देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन के कारण उनके सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गयी हैं. झारखंड सरकार ने उनकी मदद के लिए नियंत्रण कक्ष बनाया है जिन पर लगातार फोन आते रहते हैं. जनप्रतिनिधियों के पास भी प्रवासी श्रमिक लगातार मदद मांग रहे हैं.
श्री मरांडी ने कहा है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए और प्रवासी श्रमिकों की मदद को वरीय पदाधिकारियों की टीम बना कर उन्हें चार्टर प्लेन से चिन्हित शहरों में भेजा जाये. संबंधित राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से श्रमिकों की पहचान कर उनके लिए भोजन, दवा और जरूरी सामग्री उपलब्ध कराया जाना एक अच्छा प्रयास होगा. इससे उनके सामने भूख का संकट कम होगा, जरूरी इलाज की सुविधा भी मिल सकेगी.
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3 मई तक है लॉकडाउन
पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर में लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी है. प्रवासी श्रमिकों के लिए अगले 18 दिनों का सामना करना कठिन चुनौती साबित हो रही है. झारखंड सरकार ने अलग-अलग राज्यों में फंसे श्रमिकों की मदद के लिए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष बनाये हैं. अलग-अलग जिलों में भी नियंत्रण कक्ष संचालित हैं. विभिन्न विभागों के सचिवों को अलग-अलग राज्यों के लिए नोडल ऑफिसर बनाया गया है और उनके नंबर जारी किये गये हैं. राज्य सरकारों से संपर्क कर श्रमिकों को लाभ दिलाया जा रहा है. विधायकों द्वारा प्रवासी श्रमिकों के खाते में 2000-2000 रुपये भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू हुई है. बाबूलाल मरांडी ने उम्मीद जतायी है कि राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों की टीम को संबंधित क्षेत्र में भेजे जाने से लाखों श्रमिकों को और भी बड़ी राहत मिल सकेगी.
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