
Panji: गोवा में कोविड-19 के सभी सात मरीज उपचार के बाद ठीक हो गये हैं और सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने रविवार को यह जानकारी दी.
संक्रमण के सात मामलों में से अंतिम मामला तीन अप्रैल को सामने आया था और उपचार के बाद सभी व्यक्तियों के नमूनों की जांच नकारात्मक आने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.
राणे ने ट्वीट किया, “हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि गोवा में कोविड-19 से ग्रसित सभी मरीज ठीक हो गये हैं. अभी गोवा में एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है.”


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उन्होंने कहा, “वर्तमान में जब राज्य में कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं है तो हमें लॉकडाउन का महत्व समझना होगा, सामाजिक दूरी बनाये रखनी होगी, अधिक जांच करनी होगी और केंद्र और राज्य सरकारों के नियम का पालन करना होगा.”
राणे ने डॉक्टरों समेत मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, मुख्य सचिव परिमल राय और स्वास्थ्य सचिव नीला मोहनन को धन्यवाद दिया.
गोवा यह उपलब्धि इसलिए भी बड़ी है क्योंकि राज्य में विदेशी टूरिस्ट्स बहुत अधिक संख्या में आते हैं. पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र कोरोना से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित है.
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कैसे पायी जीत
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया, ‘जब देश में कोरोना के अलग-अलग राज्यों में एक-दो मामले मिलना शुरू हुए थे तभी हम अलर्ट हो गये थे. कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के केस मिलते ही हमने राज्य के बॉर्डर्स को सील कर दिया था. इसके अलावा हमने आम लोगों और डॉक्टरों के बीच संपर्क को कम करना शुरू कर दिया क्योंकि हम सबसे पहले अपने फ्रंटलाइन वॉरियर्स डॉक्टर्स को पूरी तरह सुरक्षित करना चाहते थे. इसके लिए हमने ओपीडी बंद कर दीं और सिर्फ इमरजेंसी चिकित्सा सेवा जारी रखी.’
टेक्नोलॉजी की मदद
राणे ने बताया, ‘इसके अलावा हमने टेक्नोलॉजी की भरपूर मदद ली. हम देश के पहले राज्य थे जिसने वॉट्सऐप पर चैटबॉट की शुरुआत की और 7-8 सवालों के जवाब देकर हर कोई घर बैठे असेस कर सकता है कि उसमें कोरोना के लक्षण हैं या नहीं. इसके अलावा कॉलडॉक सेवा शुरू की, जहां कोई समस्या महसूस होने पर कॉल के जरिए चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकता है.’
पूरा फोकस डॉक्टरों की ट्रेनिंग पर
राणे ने कहा, ‘आज हम अच्छी स्थिति में हैं. हमारा फोकस अब डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स की ट्रेनिंग पर है. हमने 200 वेटिंलेटर्स ऑर्डर किये हैं. मगर उसका फायदा तभी है जब इतने वेटिंलेटर्स को हैंडल करने के लिए हमारे पास प्रशिक्षित मेडिकल स्ट्रेंथ हो. नर्सों को ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी जा रही है.’
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