
Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना की तीसरे लहर की आशंका जतायी जा रही है. इस लहर में कौन सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन बच्चों के संक्रमित होने की ज्यादा आशंका जतायी जा रही है.
ऐसे में कोरोना की तीसरे लहर से निपटने और अस्पतालों में बच्चों के बेहतर इलाज की व्यवस्था को लेकर सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. मंगलवार को “मैनुअल्स फॉर प्रिपरेशन, प्रिवेंशन एंड प्लानिंग फॉर कोविड-19, थर्ड वेव इन झारखंड, दि वे फॉरवर्ड” पुस्तक का लोकार्पण करने के क्रम में मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गयी इस पुस्तक में तीसरी लहर से निपटने की पूरी रूपरेखा का जिक्र है. इस पुस्तक को देशभर के चिकित्सकों, विशेषज्ञों और अन्य जानकारों से विचार-विमर्श कर तैयार किया गया है.


ताकि उसके आधार पर आगे की रणनीति तैयार कर सरकारी अस्पतालों को मजबूत और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके.


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जरूरतों के हिसाब से की जा रही तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका के मद्देजर जिलों में तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. उन्होंने कहा कि जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी कमियों और जरूरतों के हिसाब से योजना बना कर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें.
खास कर अस्पतालों में बच्चों के लिए पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट की सुविधा हर हाल में हो. इसके अलावा दूसरी लहर में जो कमियां रह गयी थीं, उन्हें भी दूर किया जाये, ताकि इस संक्रमण से निपटने में किसी तरह की अड़चन नहीं आये.
ग्रामीण इलाकों में सर्वे का डेटा बेस तैयार करें
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों से कहा कि इन दिनों ग्रामीण इलाकों में कोरोना को लेकर व्यापक सर्वे किया जा रहा है. यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.
ऐसे में इस सर्वे से जुड़े तमाम आंकड़ों का डेटा बेस तैयार करें, ताकि हमें यह पता चल सके कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या स्थिति है. सरकार की सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है या नहीं और यहां क्या-क्या कमियां हैं, जिन्हें दूर किया जाना अत्यंत जरूरी है.
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हो रही है एडवांस प्लानिंग
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोरोना से निपटने के लिए सरकार चौबीस घंटे काम कर रही है. इस कड़ी में खामियों को दूर किया जा रहा है और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनायी जा रही हैं.
तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इससे निपटने की एडवांस प्लानिंग बनायी है. इसी के तहत ही इस पुस्तक को विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें कोरोना के तीसरी लहर से निपटने की पूरी रूपरेखा है.
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बेड मैनेजमेंट पर करें फोकस
मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों को कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से कौन प्रभावित होंगे, यह कहना अभी मुश्किल है. ऐसे में अस्पतालों में जो सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं, उनका लाभ हर किसी को हो, इसका जरूर ध्यान रखें.
उन्होंने कहा कि इसके लिए बेड मैनेजमेंट को बेहतर बनायें. इसके तहत अस्पतालों में बच्चों के लिए जो वार्ड बनाये जा रहे हैं, जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल अन्य लोगों के इलाज के लिए भी किया जा सके.
उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी लहर को लेकर सभी अलर्ट मोड पर रहें और सभी जरूरी तैयारियों को इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाये.
मौके पर विकास आय़ुक्त-सह- स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, एनआरएचएम के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला, झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी के निदेशक भुवनेश कुमार और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अपर सचिव डॉ शांतनु अग्रहरि मौजूद थे.
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