
Ranchi: प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना में पैसों का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. झारखंड के किसानों का पैसा बिचैलियों ने हड़प लिया है. किसानों के खाते में आने वाले पैसों को स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों के नाम पर उठा लिये गये. इस मामले के बाद विभाग ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मामला पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के क्षेत्र गढ़वा जिले का हैं जहां दर्जनों किसानों के साथ धोखाधड़ी की गयी है. जिले के उपायुक्त राजेश पाठक ने इस संबंध में दोषियों की जांच रिपोर्ट सीओ को देने का निर्देश दिया है.
शुरुआती जांच रिपोर्ट में पाया गया कि जिन बच्चों के खाते में योजना की राशि भेजी गयी थी वे सभी खाते छात्रवृति के लिए बच्चों के लिए इस्तमाल किए जाते थे. बताया जा रहा है कि ये सभी खाते अल्पसंख्यक छात्रों के हैं.
मालूम हो कि किसानों के खाते में योजना के तहत 2000 रुपए तक राशि मिलती है. इस बार किसानों को दूसरे वर्ष की पहली किस्त भी मिलनी शुरू हो गयी है. एक वर्ष में तीन किस्त दिया जाता है,इसमें दो-दो हजार रुपए तीन बार दिये जाते हैं.


50 हजार रुपए के घोटाले की बात आयी सामने




प्रारंभिक जांच में जिन फर्जी खाते में किसानों के पैसे गये हैं उसमें 50 हजार रुपए तक जाने की बात आ रही है. हालांकि प्रशासन की ओर से इनमें से करीब 30 हजार रुपए जिन फर्जी व्यक्तियों ने निकाले हैं उनकी पहचान की जा चुकी है. इन सभी से पैसे की वसूली की जा रही है. विभाग ने इस तरह के फर्जीवाड़े को देखते हुए सभी जिलों में सही लाभुकों तक पैसा मिला या नहीं अब इसकी जांच में जुटा है. संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि 25 दिसंबर को जितने भी लाभुकों के खाते में पैसे गए हैं उसमें बड़ी जालसाजी की उम्मीद है. गढ़वा के बाद हजारीबाग जिले से भी किसानों के मिले योजना की राशि निकालने का मामला आ रहा है, फिलहाल इसकी जांच की जा रही है.
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पहले भी हो चुका है फर्जीवाड़ा
योजना की शुरुआत में ही विभागीय गड़बड़ी से बड़ी संख्या में गलत खाते में पैसा भेजा जा चुका है. इसमें करीब एक लाख किसानों का पैसा वैसे लोगों के खाते में भेज दिया गया, जिनका खाता फसल बीमा योजना से जुड़ा था. विभागी ने जल्द में किसानों की संख्या बढ़ाने के लिए इन सभी नामों को केंद्र के पास भेज दिया गया था जिसके बाद सरकार ने इन सभी लोगों से पैसा वूसलने की घोषणा की थी. लेकिन अभी तक सरकार इस मामले में सिर्फ एसओपी ही तैयार कर सकी है.
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