
Ranchi : झारखंड सरकार की तरफ से इस वर्ष के अंत तक 10764 अनुसूचित जाति, जनजाति टोलों में पाइपलाइन के जरिये स्वच्छ पीने का पानी पहुंचाया जायेगा. मुख्यमंत्री जन-जल योजना के तहत 20 लाख की आबादी को स्वच्छ पानी मुहैया कराया जायेगा.
इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया गया है. पेयजल और स्वच्छता विभाग की तरफ से अनुसूचित जाति, जनजाति टोलों में सौर ऊर्जा आधारित पाइपलाइन जलापूर्ति योजना के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.
इसे भी पढ़ें- दर्द-ए-पारा शिक्षक: फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ बने पारा शिक्षक, अब मानदेय के अभाव में बने…
ओडीएफ हो चुके टोलों में पहुंचेगी ये योजना
विभाग के 34 प्रमंडलों में टेंडर के जरिये संवेदकों के चयन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. सरकार इन योजनाओं को वैसे टोलों में पहुंचायेगी, जो खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो चुके हैं. विभाग की तरफ से इस भारी-भरकम योजना के लिए राज्य भर में 508 मिनी जलापूर्ति सिस्टम और 23 बड़ी योजनाओं का चयन किया गया है.
इससे पहले मिनी वाटर सप्लाई स्कीम के तहत ली गयी 350 योजनाओं में से सिर्फ 124 ही पूरी की जा सकी है. विभाग के अभियंता प्रमुख श्वेताभ कुमार का कहना है कि 2020 तक ग्रामीण क्षेत्रों की 50 फीसदी आबादी को स्वच्छ जल उपलब्ध करा दिया जायेगा.
वैसे भी विश्व बैंक की तरफ से जल स्त्रोतों पर आधारित पाइपलाइन जलापूर्ति योजनाओं को शुरू करने का निर्देश दिया गया है, ताकि ट्यूबवेल पर लोगों की निर्भरता कम हो सके.
इसे भी पढ़ें- गुमला में नक्सलियों का तांडवः पुलिस मुखबिरी के आरोप में व्यापारी की अगवा कर हत्या, ट्रक भी फूंका
फरवरी महीने में सीएम ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति टोलों में जन-जल योजना शुरू करने की घोषणा 26 फरवरी 2019 को की थी. उन्होंने इस योजना से ग्रामीण इलाकों का जिर्णोद्धार करने और सभी टोलों में स्ट्रीट लाइट भी लगाने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि मिनी वाटर सप्लाई स्कीम के तहत सरकार की तरफ से 1600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये जायेंगे.