
RANCHI: झारखंड सरकार मानव तस्करी रोकने के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है, इसपर लगाम लगाने के लिए राज्य के कई जिलों में “एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट” स्थापित किए गए हैं, फिर भी झारखंड की बेटियां दूसरे राज्यों में बेची जा रही है, गांव की गरीब बच्चियों को काम दिलवाने के बहाने इनको दूसरे राज्यों में ले जाकर बेच दिया जाता है. जहां वो यौन शोषण या शारीरिक शोषण का शिकार हो जाती हैं. ये दर्द तो तब असहनीय हो जाती है जब अपने ही रिश्तेदार ही दगा देते हैं.
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ऐसा ही एक रोंगटे खड़ा कर देने वाला मामला सामने आया है राजधानी रांची से. यहां की रहने वाली संध्या पिछले चार साल से दिल्ली में बिकती रही, बच्ची को कभी नोएडा, कभी गाजियाबाद तो कभी फरिदाबाद में बेचा गया. बच्ची को एक जगह से दूसरे जगह पार्सल की तरह तस्कर एक शहर से दूसरे शहर में भेजते रहे. और अब बच्ची को बेंगलुरू में बेच दिया गया, जब इसकी जानकारी सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो को हुई. अमित महतो के प्रयास से बच्ची को रेस्क्यू कर बेंगलुरू से रांची लाया जा रहा है.


ममेरी बहन ले गई थी दिल्ली


जानकारी के मुताबिक चाल साल पहले बच्ची की ममेरी बहन रीना केरकेट्टा और उसका पति जो सिमडेगा के निवासी है और वर्तमान में दिल्ली में रह रहा है, उसने रीना को उसके उज्ज्वल भविष्य का सपना दिखा कर गुमराह कर उस मासूम को दिल्ली बुलाया. कुछ दिनों तक संध्या पर लाड प्यार दर्शाया गया. दुनिया की सबसे अच्छी दीदी और जीजा बनने का ढोंग रचा गया और जब संध्या पुरी तरीक़े से अपने दीदी जीजा पर विश्वास करने लगी तब उन्होंने संध्या को ग़ैर के हाथों बेच दिया. संध्या कभी नोएडा कभी ग़ाज़ियाबाद, फ़रिदाबाद बिकती रही और फिर अंतिम में बेंगलुरू में बेच दी गई.
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