
Ranchi: एक साल से अधिक समय से निष्क्रिय विद्युत नियामक आयोग को दो सदस्य मिले हैं. इसको लेकर सलेक्शन कमिटी के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंजूरी मिल गयी है. इसके बाद बुधवार देर शाम उर्जा विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. मालूम हो कि 19 फरवरी 2021 से ही झारखंड विद्युत् नियामक आयोग डिफंक्ट पड़ा था. लगातार हाई कोर्ट इसकी मॉनिटरिंग कर रहा था. अधिसूचना के अनुसार जेबीवीएनएल के सेवानिवृत मुख्य अभियंता अतुल कुमार को मेंबर तकनीकी और सेवानिवृत न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद को मेंबर लॉ बनाया गया है.
जल्द हो सकती है चेयरमैन की भी नियुक्ति
एक साल से अधिक समय से डिफंक्ट पड़े विद्युत नियामक आयोग की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट खुद कर रहा है. इस मामले को लेकर विगत 27 अप्रैल को न्यायाधीश राकेश शंकर की कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें उर्जा विभाग ने सप्लीमेंटरी एफिडेविट दिया था. जिसमें विभाग ने कोर्ट को बताया कि आयोग में मेंबरों की नियुक्ति को लेकर सलेक्शन कमेटी की बैठक 18 अप्रैल को हुई. जिसमें मेंबर टेक्निकल और मेंबर लॉ का नाम तय कर लिया गया है. इसे जल्द ही सरकार के पास भेजा जाएगा. इसके बाद सरकार मेंबरों की नियुक्ति करेगी.



ये भी पढ़े : इंडियन रोटी बैंक ने किया अमृत जल सेवा का शुभारंभ, मेदिनीनगर में हर दिन दो टैंकर बांटेगा पानी



विभाग ने कोर्ट को जानकारी दिया कि आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर चीफ जस्टिस के पास प्रस्ताव विचाराधीन है. उनसे विभाग लगातार संपर्क बनाए हुए है. उम्मीद है कि जल्द ही चेयरमैन की नियुक्ति प्रकिया पूरी कर ली जाएगी. जस्टिस राजेश शंकर ने उम्मीद जाहिर किया था कि डिफंक्ट आयोग में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति प्रकिया जल्द पूरी कर ली जाएगी. इसके बाद 13 अप्रैल के भी इस मामले में सुनवाई थी. जिसमें जल्द सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर लेने की बात कही गयी थी.
19 फरवरी 2021 से डिफंक्ट है नियामक आयोग
राज्य का महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था झारखंड विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष और सदस्य के नहीं रहने के कारण विगत 19 फरवरी 2021 से ही पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया है. 19 फरवरी को आयोग में बचे अंतिम सदस्य (विधि) प्रवास कुमार सिंह ने आयोग छोड़ दिया था. वह केंद्रीय नियामक आयोग के विधि सदस्य बनाए जाने के कारण चले गए थे. पिछले वर्ष जून में निवर्तमान चेयरमैन अरविंद प्रसाद के इस्तीफा दे दिया जबकि मेंबर तकनीक आरएन सिंह 9 जनवरी को सेवानिवृत हो चुके हैं. जनसुवाई या किसी भी नीतिगत निर्णय के लिए कम से कम एक मेंबर का होना संवैधानिक संस्था होने के कारण बहुत जरूरी है. इसके बिना कोरम पूरा नहीं हो पाएगा.
ये भी पढ़े : गिरिडीह : द्वितीय चरण के मतदान की तैयारी पूरी, मतदान कर्मियों को किया गया रवाना
दो वित्तीय वर्ष में नहीं हुई है बिजली दर में बढ़ोतरी
पिछले वर्ष वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए भी दिसंबर में जेबीवीएनएल ने नया बिजली टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था. मगर कोरोना संक्रमण के कारण आयोग में दो मेंबरों ने उपभोक्ताओं के पक्ष में फैसला देते हुए घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ में कोई बढ़ोतरी नहीं की. 2021-22 में आयोग डिफंक्ट होने के कारण इस वित्तीय वर्ष में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई. अभी भी राज्य में 2019-20 वाला ही टैरिफ लागू है.
नए बिजली टैरिफ पर जल्द शुरू हो सकेगी जनसुनवाई
जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए गत दिसंबर 2021 में नया बिजली टैरिफ आयोग के पास जमा किया है. जिस पर जल्द जनसुनवाई शुरू होने की उम्मीद है. मालूम हो कि झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-22 के लिए 16-17 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव है. सात दिसंबर 2021 को जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नया एनुअल रेवन्यू रिक्यावरमेंट(एआरआर) के साथ नयी टैरिफ का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास जमा कर चुका है.
ये भी पढ़े : दरभंगा में 79 पुलिस पदाधिकारियों का तबादला, SSP ने SI रैंक के अधिकारियों को सौपीं नई जिम्मेदारी