
Dhanbad : धनबाद की जनता को अपने जिले में खंडहर में तब्दील हो चुके विद्युत शवदाह गृह के चालू होने ने इंतजार आज भी है. पिछले 28 वर्षों में मोहलबनी में दामोदर नदी के घाट पर स्थित इस शवदाह गृह का तीन बार उद्घाटन किया गया, लेकिन महज बिजली कनेक्शन के अभाव में आज भी शुरू नहीं हो पाया है.
प्रशासनिक उदासीनता के कारण चोरों की मौज रही और शवदाह गृह की हालत अब खंडहर जैसी हो गयी है.
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1991 में हुआ था निर्माण
धनबाद में 1991 में तत्कालीन डीसी व्यासजी के कार्यकाल में मोहलबनी में दामोदर नदी के तट पर एक विद्युत शव दाह गृह बनाया गया था. पहली बार व्यासजी ने ही इसका उद्घाटन बड़े ताम-झाम के साथ किया था.
28 वर्ष बीत गये लेकिन आज तक इस शवदाह गृह को महज बिजली कनेक्शन के अभाव में अब चालू नहीं किया जा सका है. तब से लेकर अब तक इस शव दाह गृह का तीन बार उद्घाटन किया जा चुका ह. तीसरी और अंतिम बार धनबाद की तत्कालीन डीसी बीला राजेश ने 2008 में इसका उद्घाटन किया था. हर बार उद्घाटन के बाद यही कहा गया कि बिजली कनेक्शन मिलते ही इसे चालू कर दिया जायेगा. लेकिन आज तक ना तो बिजली का कनेक्शन हुआ और ना ही यह शुरू हो पाया है.
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असली वजह बीसीसीएल और जिला प्रशासन का विवाद
इस शव दाह गृह के शुरू नहीं हो पाने की असल वजह जिला प्रशासन और बीसीसीएल के बीच का विवाद है. जिला प्रशासन के अनुसार इस शवहाद गृह के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी बीसीसीएल की है. वहीं बीसीसीएल प्रबंधन इस मामले में खुद को अनजान बताता है. उसका कहना है कि अब तक उसे प्रशासन की तरह से इस संबंध में कुछ लिखित में नहीं बताया गया है.
इस उपेक्षा का पूरा फायदा चोरों ने उठाया है. धनबाद के इस एकलौते विद्युत शवदाह गृह के खिड़की-दरवाजे के साथ इसके वायरिंग के तार तक चोर नोचकर ले गये हैं.
फिलहाल धनबाद नगर निगम ने इस घाट के जीर्णोधार और विद्युत शवदाह गृह को फिर चालू करने की कवायद तेज कर दी है. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो गयी है.
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