
Ranchi : गुमला जिला के रायडीह के मांझा टोली में बुजुर्ग भूतपूर्व सैनिकों के रहने के लिए “वानप्रस्थ सैन्य आश्रम” का उद्घाटन किया गया. उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया.
इस आश्रम की क्षमता 20 बेड की होगी जिसमें बुजुर्ग सैनिकों को हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जायेगी. पौष्टिक आहार के साथ उन्हें चिकित्सा, मनोरंजन, समाचार तंत्र, पूजा स्थल इत्यादि की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
इस आश्रम में भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियों के रहने की भी व्यवस्था होगी. सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड ने इस आश्रम को सहायता देने का आश्वासन दिया है. यह आश्रम सैन्य विधवाओं के लिए भी आशा की नयी किरण का काम करेगा क्योंकि उन्हें जीवन साथी के छोड़ जाने के बाद एकाकी जीवन जीने को मजबूर होना पड़ता है.
उद्घाटन के दौरान द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सैन्य कर्मियों को अपने परिजनों से भी जूझना पड़ता है. घर वापसी के बाद सबकी नजर उनकी कमाई पूंजी पर रहती है और कभी-कभी वे अपनों से ही छले जाते हैं.
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क्या समाज में कोई मानवीय मूल्य नहीं है, पूर्व सैनिकों का सम्मान करने के बजाय लोग लोभ-लालच में आ जाते हैं. जिसको पूरा देश सम्मान करता है, पूजता है, आप उनसे इस प्रकार व्यवहार करते हैं.
उन्होंने कहा कि आज परमवीर अल्बर्ट एक्का की पावन धरती पर पूर्व सैनिकों एवं उनकी पत्नियों के लिए वानप्रस्थ सैन्य आश्रम की स्थापना की गयी है. सर्वप्रथम मैं परमवीर अल्बर्ट एक्का को नमन करती हूं, जिनकी वीरता एवं पराक्रम का पूरा विश्व कायल है. यह वंदन की भूमि है.
उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य का सौभाग्य है कि इस मिट्टी के बहुत से लाल देश की रक्षा में लगे हुए हैं. वतन की रक्षा से बड़ा कोई धर्म एवं कर्तव्य नहीं है क्योंकि हम सबकी पहचान हमारे वतन से है. हमारे वीर सैनिकों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों तक आहुति दे दी.
वे देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा के लिए सतत कार्यरत रहते हैं. हम तभी सोते हैं, जब वे जागते हैं. उन्होंने कहा कि इस सैन्य आश्रम की स्थापना का जब मेरे पास प्रस्ताव आया तो मैंने सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को सुझाव दिया कि इसकी स्थापना में वे सहयोग करें. आज इसका शुभारंभ हो रहा है.
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